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World Hiv/Aids Day 2020: आज पूरे विश्व में तकरीबन 3 करोड़ 70 लाख लोग एड्स की समस्या से जूझ रहे हैं। वहीं भारत में भी लगभग 21 लाख लोग इस समस्या से पीड़ित हैं। लाइलाज होने के कारण एड्स आज सारे विश्व में सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गई है जो हमारे शरीर में एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशंसी वायरस) के संक्रमण से होती है। यह वायरस मुख्यतः खून में मौजूद टी कोशिकाओं (जो शरीर को बाहरी रोगों से सुरक्षा प्रदान करती है) और मस्तिष्क की कोशिकाओं को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे उन्हें ख़त्म करता रहता है। विश्व एड्स दिवस 2020 (World Hiv/Aids Day 2020) के मौके पर हम आपको कुछ ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं, जो आपके बड़े काम आ सकती है। हालांकि कुछ साल बाद (6 से 10 साल) स्थिति यह हो जाती है कि शरीर आम रोगों के कीटाणुओं से अपना बचाव नहीं कर पाता और तरह-तरह के इन्फेक्शन का शिकार होने लगता है। एचआईवी वायरस अपने अंतिम चरण में पहुंचकर एड्स बन जाता है। जानकारी के अभाव में और सावधानी न बरतने पर संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है। एड्स के कारण मरने वालों की संख्या भारत में अब तक लगभग डेढ लाख तक पहुंच चुकी है।
डॉ. मनीषा अरोड़ा, सीनियर कंसलटेंट, इंटरनलमेडिसिन, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट,बताती हैं, "स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार एड्स मुख्यत: एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क बनाने, संक्रमित व्यक्ति पर इस्तेमाल की गयी सूई को इस्तेमाल में लाने से होता है।इसके अलावा एचआईवी पीड़ित महिला द्वारा गर्भधारण करने पर नवजात शिशु के संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है।इस विषाणु से संक्रमित व्यक्ति के रक्त आदान-प्रदान और अंग प्रत्यारोपण से भी दूसरे लोगों को इसका संक्रमण हो सकता है।"
एड्स का बचाव ही इसका इलाज है। बचाव संबंधी कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बताते है डॉ गौरव जैन, सीनियर कंसलटेंट, इंटरनल मेडिसिन, धर्मशिला नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल:
यह ध्यान रखें कि एड्स एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति के साथ सामान्य संबंध जैसे हाथ मिलाने, एक साथ भोजन करने, एक ही घड़े का पानी पीने, एक ही बिस्तर और कपड़ों के इस्तेमाल, एक ही कमरे या घर में रहने, एक ही शौचालय या बाथरूम प्रयोग में लाने और बच्चों के साथ खेलने से यह रोग नहीं फैलता है। इसके अलावा मच्छरों एवं खटमलों के काटने से भी यह रोग नहीं फैलता है।