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World Cancer Day 2023: महिलाओं में इस खतरनाक कैंसर का कारण बन सकता है मोटापा,जानिए किन महिलाओं को है ज्यादा रिस्क

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में दावा किया गया कि मोटापे के चलते महिलाओं में 13 प्रकार के कैंसर का रिस्क बढ़ सकता है।

Written by Sadhna Tiwari |Updated : February 4, 2023 8:01 AM IST

Obesity and risk of cancer in Indian Women: मोटापा हर किसी के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि, मोटापा या वजन बढ़ने की समस्या के साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल (High cholesterol level), डायबिटीज और हार्ट से जुड़ी बीमारियों (Heart diseases ) का खतरा (health problems caused by obesity) भी बढ़ जाता है जो मौजूदा समय में दुनियाभर में एक बड़ा हेल्थ बर्डन बन गया है। मोटापे की वजह से लोगों की लाइफ क्वालिटी में गिरावट आ सकती है और लोग बढ़े हुए वजन और उससे जुड़ी बीमारियों के कारण खुद को बीमार, कमजोर और परेशान होता देखते हैं। वहीं,हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की एक रिसर्च में दावा किया गया कि मोटापा कैंसर का रिस्क ( Obesity and risk of cancer in Indian Women) कई गुना तक बढ़ा सकता है।

हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day 2023) मनाया जाता है। इस दिन दुनियाभर में कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लगातार बढ़ते कैंसर के खतरे के बीच लोगों को खुद को सेफ रखने के तरीके समझने और  लोगों की मदद करने के लिए अलग-अलग तरह प्रयास किए जाते हैं। इसी तरह कैंसर के लक्षणों (symptoms of cancer)  को पहचानने से लेकर कैंसर के कारण, इलाज के तरीकों के बारे में लोगों को जानकारी दी जाती है। हॉवर्ड की स्टडी से पहले भी कई स्टडीज में मोटापे की वजह से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे असर के बारे में बताया गया। वहीं, हॉवर्ड की स्टडी के निष्कर्षों ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है। इस स्टडी में किए गए दावों ने लोगों को हैरान कर दिया है क्योंकि, इस स्टडी में कहा गया है कि ब्रेस्ट कैंसर जैसी गम्भीर स्थिति का खतरा अधिक वजन वाली महिलाओं में अधिक होता है। (Risk of breast cancer in obese women)

अधिक वजन वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क ज्यादा क्यों? ( obesity can raise the risk of breast cancer)

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अधिक वजन वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क अधिक होता है और सही समय पर इलाज ना मिलने से ब्रेस्ट कैंसर जानलेवा भी साबित हो सकता है। इस बारे में ऑन्कोसर्जन डॉ. तिरथराम कौशिक (Dr. Tirathram Kaushik consultant Onco-surgeon, Wockhardt Hospitals Mira Road, Thane) कहते हैं कि, ब्रेस्ट कैंसर का पता जल्द लगाया जा सकता है। जल्दी डायग्नोसिस की मदद से कैंसर मरीज के 5 साल ज्यादा जीने की संभावना बढ़ सकती और सर्वाइवल की संभावना 99% तक बढ़ सकती है।

डॉ. कौशिक के मुताबिक, भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के सबसे बड़े रिस्क फैक्टर्स (risk factors of breast cancer in women in India) हैं मोटापा या अधिक वजन, अल्कोहल का सेवन, रेडिएशन के सम्पर्क में आना और अनुवांशिक कारण। अधिक वजन के कारण ब्रेस्ट कैंसर की गम्भीरता को समझाने के लिए डॉ. कौशिक बताते हैं कि,

  • साल 2016 में भारत में ब्रेस्ट कैंसर के कुल 1 लाख 18 हजार मामले सामने आए जिसमें 98.1% केसेस महिलाओं में पाए गए।
  • 1990-2016 के बीच उम्र के साथ ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में 39.1% बढ़ोतरी दर्ज की गयी।
  • वहीं ग्लोबोकॉन 2020 (Globocan 2020 statistics) के आंकडों के अनुसार, भारत में कैंसर की वजह से होने वाली मृत्यु (cancer deaths in India) के 10.6% मामले ब्रेस्ट कैंसर जबकि, कैंसर के कुल मामलों में से 13.5% केसेस ब्रेस्ट कैंसर के ही दर्ज किए गए।

भारतीय महिलाओं में मोटापे के कारण क्या हैं? (Causes of weight gain in Indian women)

गौरतलब है कि ओबेसिटी या मोटापा भारत समेत दुनियाभर में एक बड़ी समस्या (problem of obesity in India) बन चुका है और पिछले कुछ वर्षों में मोटापे की समस्या काफी गम्भीर बन गयी है। आइए जानें भारत में महिलाओं में किस प्रकार के कैंसर का खतरा सबसे अधिक है और मोटापे की वजह से महिलाओं में कैंसर का रिस्क (Obesity and risk of cancer in Indian Women in Hindi) कितना है।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, दक्षिण एशिया क्षेत्र में लोगों में मोटापा बढ़ने के कई कारण (causes of obesity) हैं जिनमें जेनेटिक्स के अलावा ये स्थितियां भी हो सकती हैं-

  • हाई-फैट फूड खाने की आदत
  • कम एक्सरसाइज या बिल्कुल भी कसरत ना करने की आदत
  • स्मोकिंग और तम्बाकू खाने की आदत (Side effects of tobacco consumption)
  • हार्मोन्स का असंतुलन (Hormonal Imbalance)
  • प्रेगनेंसी के बाद शरीर में होने वाले बदलाव
  • दवाओं के साइड-इफेक्ट्स (Side effects of medicines)

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोना महामारी (COVID-19 pandemic) के दौरान लोगों की लाइफस्टाइल में कई बदलाव हुए और उनके वजन में भी बढ़ोतरी हुई और इसके साथ ही कैंसर के रिस्क में भी इजाफा हुआ। वयस्कों के साथ-साथ 2 साल से 20 साल की उम्र के लोगों में भी मोटापा बहुत तेजी से बढ़ा है। विभिन्न स्टडीज में कैंसर और मोटापे (obesity and cancer risk) को एक-दूसरे से जुड़ा हुआ दिखाया गया। आंकड़ों के अनुसार,

  • अधिक वजन वाले 11.9% पुरुषों में कैंसर के मामले पाए गए।
  • वहीं, महिलाओं में कैंसर के 13.1% मामलों में मोटापा एक बड़ा कारण पाया गया।

महिलाओं में अधिक वजन से हो सकते हैं ये गम्भीर कैंसर (Types of cancer in women caused by obesity)

स्टडीज के मुताबिक मोटापे की वजह से 13 अलग-अलग प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है जो इस प्रकार हैं-

  • कोलोरेक्टल कैंसर
  • एंड्रोमेट्रिअल (endometrial)
  • इसोफेगल (esophageal)
  • रेनल कैंसर (renal)
  • पैंक्रियाटिक कैंसर (pancreatic adenocarcinomas)
  • गैस्ट्रिक कैंसर (gastric cancer)
  • पोस्ट-मेनोपॉजल ब्रेस्ट कैंसर (postmenopausal breast)
  • गॉलब्लैडर ( gallbladder)
  • थायराइड कैंसर( thyroid cancers)
  • मल्टीपल मायोपिया

अधिक वजन कैसे बनता है कैंसर की वजह

डॉक्टरों के मुताबिक, ऐसा कहा जाता है कि बॉडी फैट बढ़ने से शरीर में सूजन (Body Inflammation) बढ़ सकती है। यह सूजन शरीर की कई कार्यप्रणालियों को प्रभावित करते हैं। ब्लोटिंग की वजह से इंसुलिन (insulin) और एस्ट्रोजेन ( Oestrogen) जैसे हार्मोन्स का स्तर बिगड़ सकता है। लम्बे समय तक शरीर में जमा फैट (Body fat) की वजह से शरीर को नुकसान होता है और इससे कैंसर का रिस्क भी बढ़ जाता है। बता दें कि जब शरीर में सेल्स का उत्पादन अनियंत्रित तरीके से बढ़ जाता है तो वे अपने आसपास की अन्य सेल्स को भी नुकसान पहुंचाते हैं और इससे कैंसर का खतरा बढ़ता जाता है।

मोटापे से बचने के लिए टिप्स (Tips to prevent obesity and minimize risk of breast cancer in women)

कुछ स्टडीज में फिजिकल एक्टिविटीज की मदद से कई प्रकार के कैंसर के रिस्क को कम करने के सबूत मिले हैं। इसी तरह कसरत करने की अवधि और इटेंसिटी के साथ-साथ कैंसर का रिस्क कम करने की संभावना भी अधिक होती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, वजन बढ़ने से रोकने के लिए और मोटापे की वजह से होनेवाले कैंसर से बचने के लिए इस तरह के उपाय किए जा सकते हैं-

  • फिजिकली एक्टिव बनें, कसरत करें और दिन में 25-30 मिनट का वर्कआउट जरूर करें।
  • सप्ताह में कम से कम डेढ़ घंटे (70-90 मिनट) के लिए इटेंसिव एक्सरसाइज करें
  • हेल्दी डाइट प्लान फॉलो करें। अपनी रोज की डाइट में 66-70 फीसदी हिस्सा प्लांट बेस्ड फूड्स (Plant based foods) रखें। इसमें, हरी ताजी सब्जियां, सीजनल
  • फ्रूट्स, दालें, बींस, मिलेट्स (बाजरा, जवार, मक्का) और अन्य साबुत अनाज खा सकते हैं।
  • नॉन-वेज खाने वाले लोग डाइट के 25-30 फीसदी हिस्से में लीन मीट और अंडे जैसी चीजें चुन सकते हैं।
  • शराब का सेवन कम करें।
  • दिनभर में 7-8 घंटे आराम करें।
  • मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने के लिए योग, मेडिटेशन और अच्छा म्यूजिक सुनने जैसे काम करें।

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