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World AIDS Day 2022: एड्स के लक्षणों से आराम दिलाने में क्या आयुर्वेद से मिल सकती है मदद, जानें तरीके यहां

World AIDS Day 2022: एड्स के लक्षणों से आराम दिलाने में क्या आयुर्वेद से मिल सकती है मदद, जानें तरीके यहां

आयुर्वेद की मदद से भी एड्स और एचआईवी इंफेक्शन के लक्षणों से आराम दिलाने की कोशिश की जाती है।

Written by Sadhna Tiwari |Updated : November 30, 2022 12:35 PM IST

AIDS treatment in ayurveda: एड्स या एचआईवी एक लाइलाज बीमारी है हालांकि, इसके इलाज के लिए लगातार दुनियाभर में रिसर्च की जा रही है। एचआईवी (human immunodeficiency virus) के खतरे के प्रति लोगों को जागरूक करने और इससे बचाव के उपायों पर ध्यान देने के लिए प्रति वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस ( World AIDS Day 2022) मनाया जाता है। जैसा कि एड्स का कोई स्थायी इलाज अभी तक उपलब्ध नहीं हो सका है लेकिन, इसके लक्षणों को गम्भीर होने से बचाने और मरीजों को आराम दिलाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जाते हैं। वहीं, आयुर्वेद की मदद से भी एड्स और एचआईवी इंफेक्शन के लक्षणों से आराम दिलाने की कोशिश की जाती है। इस लेख में आप पढ़ेंगे कुछ ऐसे ही आयुर्वेदिक उपायों और पद्धतियों के बारे में जिनकी मदद से एड्स के मरीजों का इलाज किया जा सकता है। (ways to ease symptoms of AIDS/HIV with the help of Ayurveda in Hindi.)

HIV/AIDS के इलाज के लिए आयुर्वेद है कारगर?

आयुर्वेद में बीमारी के लक्षणों से राहत दिलाने के लिए शरीर में जमा टॉक्सिंस और नुकसानदायक पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया को महत्वपूर्ण बताया गया है। इसके लिए विभिन्न प्रकार की थेरेपीज और डाइट से जुड़े नियमों को फॉलो करने की सलाह दी जाती है। एचआईवी के लक्षण से मिलती-जुलती समस्याओं से राहत पाने के लिए इस तरह के आयुर्वेदिक उपाय अपनाए जा सकते हैं-

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  • शरीर के प्रकृति दोष (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करने से तकलीफ और दर्द से आराम मिल सकता है।
  • आयुर्वेद में बतायी गयी रस धातु प्रक्रिया की मदद से शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ायी जा सकती है। इससे, लक्षणों से राहत मिल सकती है।
  • रसायन के नियमों के आधार पर भी शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने और शक्ति बढ़ाने का कार्य किया जा सकता है।
  • जबकि आम पाचन की मदद से शरीर को डिटॉक्स करने में सहायता होती है।

आयुर्वेद एक्सपर्ट्स के अनुसार इन नियमों को फॉलो करने से एचआईवी मरीजों को दर्द और डिस्कम्फर्ट जैसी समस्याओं से आराम मिल सकता है जिससे उन्हें लम्बे समय तक बेहतर महसूस हो सकता है।

एचआईवी मरीजों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है बॉडी डिटॉक्स

गौरतलब है कि एचआईवी इंफेक्शन होने पर मरीज दिन-ब-दिन कमजोर हो जाता है और उसकी इम्यून पॉवर भी तेजी से कम (weakning of immune system) होती है। इसकी एक वजह शरीर में जमा विषैले तत्व और गंदगी भी होते हैं। इन टॉक्सिंस को शरीर से बाहर निकलने के बाद शरीर की कार्यप्रणालियां सही तरीके से काम करती है और बीमारी के लक्षणों की गम्भीरता भी कम होती है। ऐसे में भोजन के साथ शरीर में पहुंचने वाले केमिकल्स, पेस्टिसाइट्स और अन्य हानिकारक चीजों को शरीर से बाहर निकालने की कोशिश करनी चाहिए। नेचुरली बॉडी डिटॉक्स के लिए जो तरीके अपनाए जा सकते हैं वो इस प्रकार हैं-

  • रोज हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें।
  • खुद को हाइड्रेटेड रखें और दिनभर में 2-3 लीटर पानी पीएं।
  • नमक का ज्यादा सेवन ना करें।
  • इसी तरह मसालेदार या तला-भुना भोजन करने से बचें।
  • चाय-कॉफी और बोतलबंद ड्रिंक्स (aerated drinks) का सेवन ना करें।
  • अल्कोहल का सेवन (Alcohol consumption) करने से बचें।