Don’t Miss Out on the Latest Updates.
Subscribe to Our Newsletter Today!
धूप से बचने की प्रवृत्ति, कैल्शियम युक्त आहार के कम सेवन और बढ़ते प्रदूषण के कारण भारत की महिलाओं में हड्डियों को खोखला बना देने वाली खामोश बीमारी 'ऑस्टियोपोरोसिस' का खतरा बढ़ रहा है। कम उम्र की लड़कियों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और रजोनिवृत्त महिलाओं में आदतन कैल्शियम का सेवन कम होता है, जो ओस्टियोपोरोसिस का मुख्य कारण है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं यानी कि हर चार में से तीन से अधिक महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित होती हैं और 50 वर्ष से अधिक उम्र की और रजोनिवृत्त हो चुकी महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा अधिक होता है।
यह भी पढ़ें - विश्व एड्स दिवस 2018 : तीस वर्ष बाद भी टेस्ट करवाने में शर्म महसूस करते हैं लोग
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीयों में जीवन प्रत्याशा बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं में विटामिन-डी की कमी का प्रकोप भी बढ़ रहा है। विटामिन-डी की कमी की व्यापक समस्या के साथ-साथ कम मात्रा में कैल्शियम के सेवन, ओस्टियोपोरोसिस के बारे में बहुत कम जागरुकता और भारतीय महिलाओं में ओस्टियोपोरोसिस की पहचान में दिक्कत जैसे कारणों से महिलाओं में ओस्टियोपोरोसिस एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या बन गई है। गाजर : फ्रूट, सब्जी, सलाद, जो चाहें समझिए पर खाइए जरूर
सावधान करने वाले तथ्य
विटामिन डी की कमी और ऑस्टियोपोरोसिस के कारण
बचाव के उपाय
हड्डी और मानव कंकाल प्रणाली को मजबूत करने में पर्याप्त और स्वस्थ आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह भी पढ़ें – इन पांच कारणों से उम्र से पहले ही खराब हो रहे हैं घुटने
स्वस्थ आहार और सक्रिय जीवनशैली का पालन करके ऑस्टियोपोरोसिस से बचा जा सकता है।
विटामिन डी की शरीर में पूर्ति के लिए 40 मिनट तक धूप के संपर्क में रहना जरूरी है।
आप विटामिन डी सीधा सूरज की किरणों से ले सकते हैं।
इस बात का ध्यान रखें कि आप विटामिन से भरपूर आहार जरूर लें। यह स्वस्थ जीवन के लिए बहुत जरूरी है। खाने में विटामिन डी से भरपूर चीजें शामिल कर विटामिन डी की कमी दूर कर सकते हैं।
इतनी कमजोर हो जाती हैं हड्डियां
इस बीमारी में हड्डियां इस हद तक कमजोर हो जाती हैं कि हल्का झटका लगने, गिर जाने और यहां तक कि छींकने और खांसने से भी फ्रैक्चर हो सकता है। हालांकि यह हालात एकदम से पैदा नहीं होते. बल्कि उम्र बढ़ने के साथ विकसित होती है और तेजी से बढ़ती है।
उपचार के लिए आने वाले 100 वृद्ध लोगों में 30 प्रतिशत लोग ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित होते हैं। 35-40 साल की उम्र के युवा लोगों में भी बोन मिनरल डेंसिटी कम पायी जाती है, जिसके कारण उनमें ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा अधिक होता है।