धूप में यहां-वहां भागदौड़ करने से आपके आर्म्स के नीचे और चेहरे पर पसीना होने लगता है और पर पैरों में आनेवाला पसीना दिखायी नहीं देता। लेकिन क्या बिना गर्मी के भी आपके पैर पसीने में डूब जाते हैं? डर्माटोलॉजिस्ट डॉ. सेजल शाह बता रही हैं आपके पैरों में क्यों आता है पसीना और आप कैसे बच सकते हैं गीले जूते और मोजों से?
पैरों में बहुत अधिक पसीना क्यों आता है?
पैरों में अत्यधिक पसीने आना आम तौर पर एक वंशानुगत स्थिति है जिसे हाइपरहाइड्रोसिस (hyperhysrosis) कहा जाता है। जहां गर्म मौसम, घबराहट, बुखार, बीमारी या संक्रमण, मोज़े में इस्तेमाल होनेवाली डाई और कुछ विशेष प्रकार कपड़े या सामग्री में डाई गर्मी जैसे कई कारणों से बहुत अधिक पसीना निकल सकता है। वहीं, अगर आपको अधिक पसीना आता है तो इसके लिए आप आनुवंशिक कारणों को वजह मान सकते हैं।
पैरों की बदबू से कैसे बचा जा सकता है?
• पैरों में बहुत अधिक पसीना होने से बचने के लिए, आप टी सोक का उपयोग कर सकते हैं। आप अपने पैरों को ठंडी चाय में भिगो सकते हैं। चाय में टैंनिन (tannins) होते हैं जो अस्थायी रूप से पसीना ग्रंथियों को सिकुड़ने में मदद करती है और आपको कम पसीना आएगा।
• आप त्वचा को सुखा रखने और गंध से बचने के लिए काउंटर पाउडर (counter powder) और स्प्रे का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप अंडरआम्स में इस्तेमाल करनेवाले एंटीपर्सपिरेन्ट्स (antiperspirants) का भी प्रयोग कर सकते हैं।
• सूती कपड़े के मोजे पहनें, जो आपकी त्वचा से नमी को दूर करेगा।
• बहुत कसे हुए या सामने की तरफ से (पैर की अंगुली के पास) बंद जूते पहनने से भी गर्मियों में बहुत अधिक पसीना हो सकता है। इसीलिए जितना हो सके खुले जूते पहनें जिनसे आपके पैरों को सांस लेने में आसानी हो। चमड़ा और कैनवास के जूतों में कम पसीना होता है और ये सिंथेटिक सामग्रियों से बने जूतों से बेहतर होते हैं।
क्या कोई तरीका है जिससे पसीना कम आए?
मिराडी (Mirady) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे बार-बार दोहराने से तलवों और हथेलियों में पसीने का उत्पादन कम हो सकता है। क्या आपको पता है कि पैरों में बोटॉक्स करवाने से भी अस्थायी रूप से (लगभग तीन महीने तक) अत्यधिक पसीने की समस्या से राहत मिलती है?
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अनुवादक-Sadhana Tiwari
चित्रस्रोत- Getty Images.
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