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अगर आप या आपके घर में कोई डायबिटीज से पीड़ित है, तो आप एचबीए1 टेस्ट से जरूर परिचित होंगे। ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट को आमतौर पर यह जानने के लिए किया जाता है कि आपका ब्लड ग्लूकोज लेवल समय के साथ कैसे मैनेज रहता है। डायबिटीज के मरीजों को साल में दो बार इस टेस्ट की सलाह दी जाती है। लेकिन आपको अपने लैब अटेंडेंट से यह सवाल पूछना चाहिए कि वो किस मेथड के साथ इस टेस्ट को करता है? आप सोच रहे होंगे कि इससे आपको क्या लेना-देना। आपको बता दें कि अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो आपके लिए इस सवाल का जवाब जानना बहुत जरूरी है।
मुंबई स्थित श्रेया डायबिटीज सेंटर में डायबिटोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रदीप गाडगे के अनुसार,बहुत से लोगों को यह नहीं पता है कि यह टेस्ट एचपीएलसी हाई-परफॉरमेंस लिक्विड क्रोमैटोग्राफी (hba1c test in hindi) द्वारा किया जाता है। अगर आपके डॉक्टर ने डायबिटीज के लिएसभी तीन टेस्ट निर्धारित किए हैं तो आपको एचबीए1सी के लिए एचपीएलसी मेथड के जरिये ही टेस्ट कराना चाहिए जो कि सबसे प्रामाणिक और स्टैण्डर्ड टेक्निक है।
इस टेस्ट के लिए कई मेथड हैं जैसे एंजाइमैटिक मेथड, टर्बिडीमैट्रिक और क्रोमैटोग्राफी (लो एंड हाई प्रेशर)। हालांकि, सबसे विश्वसनीय रिपोर्ट एचपीएलसी मेथड से से प्राप्त की जाती हैं। किसी भी टेस्ट में परिवर्तनशीलता और गुणांक के गुणांक कम होना चाहिए जोकि इस मेथड में होते हैं।
यही कारण है कि एचपीएलसी मेथड को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इस टेस्ट की लागत अलग-अलग लैब में अलग-अलग होती है लेकिन इसे आपको 600 रुपये से ज्यादा नहीं खर्च करना चाहिए।
इसलिए अगली बार जब आपका डॉक्टर आपको एचबीए1सी टेस्ट का सुझाव दे, तो आपको अपने लैब अटेंडेंट से यह जरूर पूछ लेने चाहिए कि वो इसके लिए एचपीएलसी मेथड का इस्तेमाल करे।