लिवर शरीर को सुचारू रूप से चलाने का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण ऑर्गन (अंग) है। लिवर शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थ को फिल्टर करके बाहर निकालने का काम करता है। साथ ही ये ब्लड शुगर को मेंटेन करने का काम भी बखूबी करता है। लिवर काफी नाजुक और संवेदनशील ऑर्गन है जो खराब आदतों जैसे शराब, सिगरेट और तंबाकू का सेवन करने से डैमेज हो सकता है। कई बीमारियों की वजह से भी लिवर डिजीज होने की संभावना बढ़ जाती है। कई बार बीमारी बढ़ने के कारण लिवर फेलियर या कैंसर जैसी स्थिति का भी सामना करना पड़ जाता है। हालांकि ऐसी स्थिति का सामना केवल गंभीर पेशेंट को ही करना पड़ता है। कैंसर या लिवर फेलियर से बचने के लिए लिवर ट्रांसप्लांट (Liver Transplant in Hindi) का सहारा लिया जाता है। लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी एक जीवन रक्षक प्रक्रिया है जो एक बीमार और अस्वस्थ्य लिवर को स्वस्थ लिवर में बदल देती है। आखिर लिवर ट्रांसप्लांट क्या है और ये कैसे किया जाता है? चलिए जानते हैं इसके बारे में...
लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन- डॉ. अजिताभ श्रीवास्तव के अनुसार, लिवर ट्रांसप्लांट एक बीमार लिवर को स्वस्थ्य लिवर से बदलने की प्रक्रिया है जो किसी अन्य व्यक्ति या डोनर के शरीर से लिया जाता है। लिवर ट्रांसप्लांट के लिए एक डोनर की आवश्यकता पड़ती है। हाल ही में मृत घोषित किए गए व्यक्ति का लिवर अन्य व्यक्ति के शरीर में लगाया जा सकता है या एक हेल्दी व्यक्ति भी लिवर डोनेट कर सकता है। लिवर कमजोर होने की बीमारी को सिरोसिस के नाम से जाना जाता है। बता दें कि सिरोसिस कई कारणों से हो सकता है, हेपिटाइटिस बी और सी, डायबिटीज, मोटापा और अधिक शराब का सेवन इस समस्या को बढ़ा सकता है। लिवर डिजीज कई बच्चों में जन्मजात भी हो सकती है।
डॉ. अजिताभ श्रीवास्तव ने बताया कि, किसी व्यक्ति को लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता तब पड़ती है जब उसका लिवर पूरी तरह से इंफेक्टिड या काम करने लायक नहीं रहता। लिवर कैंसर के फर्स्ट स्टेज पर भी लिवर ट्रांसप्लांट करके पेशेंट को बचाया जा सकता है। लिवर का सही ढंग से काम न करना कई अन्य समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता है लेकिन भारत में लिवर डोनर की संख्या काफी कम है।
डॉ. अजिताभ श्रीवास्तव कहते हैं कि, ''लिवर ट्रांसप्लांट करना आसान नहीं है। लिवर ट्रांसप्लांट कराने के लिए पेशेंट्स को महीनों तक इंतजार करना पड़ सकता है। भारत में लिवर डोनर आसानी से नहीं मिलते इसलिए अधिकतर मामलों में घर-परिवार या रिश्तेदार ही लिवर डोनेट करते हैं। लिवर डोनेशन सर्जरी में लिवर का लगभग 55 से 60 प्रतिशत हिस्सा निकाल दिया जाता है। डोनेशन प्रक्रिया के दौरान कई तरह के टेस्ट कराए जाते हैं साथ ही पेशेंट और डोनर की अंदरूनी जांच की जाती है, जिसमें देखा जाता है कि लिवर शरीर के मुताबिक है या नहीं। इसके लिए कई सिटी स्कैन, ब्लड टेस्ट और फिजिकल टेस्ट का सहारा लिया जाता है। डोनर का ब्लड ग्रुप पेशेंट के लिवर से मैच करना जरूरी है अन्यथा अन्य डोनर को अप्रोच किया जाता है। डोनर को हॉस्पिटल द्वारा अप्रूव किया जाता है साथ ही जरूरतमंद डोनर को इसकी उचित कीमत भी दी जाती है।''
लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन- डॉ. अजिताभ श्रीवास्तव ने बताया कि,लिवर ट्रांसप्लांट ऑपरेशन की प्रक्रिया में लगभग 10 से 12 घंटे का समय लगता है। ऑपरेशन के दौरान खराब लिवर निकालकर नया लिवर ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान नलियों को आपस में सही ढंग से जोड़ना काफी ट्रिकी होता है। ऑपरेशन के बाद कई तरह के कॉम्पलिकेशन हो सकते हैं जैसे इंफेक्शन, ब्लीडिंग, पित्त की समस्या और रिजेक्शन। लिवर ट्रांसप्लांट के बाद पेशेंट और डोनर को लगभग एक हफ्ते तक अंडर ऑब्जरवेशन रखा जाता है। हालांकि लिवर ट्रांसप्लांट में जोखिम न के बराबर होता है, लेकिन कुछ दिनों तक पेशेंट और डोनर दोनों को तकलीफ हो सकती है। लिवर ट्रांसप्लांट के बाद लगभग डेढ़ से तीन महीने में व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कर सकता है। किसी भी तरह की समस्या होने पर पेशेंट के टेस्ट कराएं जाते हैं और उचित दवाईयां दी जाती हैं।
लिवर ट्रांसप्लांट के बाद पेशेंट को अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है। नया लिवर किस प्रकार और कैसे काम कर रहा है इसकी प्रॉपर मॉनिटरिंग की जाती है। कई तरह की जांच की जाती है। पेशेंट का IVs के माध्यम से इलेक्ट्रोलाइट संतुलन, ब्लड शुगर लेवल और ब्लड वॉल्यूम को मैनेज किया जाता है। धीरे-धीरे स्थिति सुधरने पर नलियों को हटा दिया जाता है। पेशेंट को नॉर्मल लाइफ जीने के लिए कुछ हफ्ते लग सकते हैं लेकिन व्यक्ति पूरी तरह से ठीक हो सकता है। लिवर ट्रांसप्लांट (Liver Transplant in Hindi) के बाद पेशेंट को अपनी लाइफस्टाइल और खानपान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। साथ ही समय-समय पर फुल बॉडी चेकअप करवाना जरूरी होता है।
(Inputs: Dr. Ajitabh Srivastava, Director & Senior Consultant, Liver Transplant, Hepato-Pancreato-Biliary Surgery, Aakash Healthcare)
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