Toe-jam : जब भी बात हमारे स्वास्थ्य की होती है तो हमारा ध्यान अपने पैरों की ओर कम ही जाता है। जब तक पैरों की हालत खराब नहीं हो जाती या फिर पैरों से बदबू नहीं आती बहुत से लोग पैरों को धोना तक पसंद नहीं करते हैं। टो जैम (toe jam) एक ऐसी ही स्थिति है, जिसपर ध्यान लगभग न के बराबर ही जाता है और अगर इसका समय रहते उपचार न किया जाए तो ये बड़ी स्वास्थ्य समस्या की ओर ले जा सकती है। टो जैम को मेडिकल भाषा में कोई खास तवज्जों नहीं दी गई है। इस स्थिति को मृत स्किन कोशिकाओं, पसीना, जुराब को ज्यादा देर तक पहनने और गंदगी की वजह से पैदा होने वाली समस्या माना जाता है, जिसकी वजह से पैरों की उंगलियां आपस में चिपक जाती हैं और उनमें से बदबू आने लगती है।
1-टोम जैम की स्थिति आपके पैरों की उंगलियों के लगातार नमी से भरे रहने या फिर पैरों की उंगलियों के फटने के कारण होने वाली स्थिति है। इसमें से तेज गंध आती है या फिर बिल्कुल भी गंध नहीं आती है। इतना ही नहीं आपके तलवों का रंग सफेद से सलेटी और भूरा भी हो सकता है।
2-ये स्थिति आपको तब भी परेशान कर सकती है, जब आप पूरे दिन जूते पहनकर बैठे रहते हैं, खासकर गर्मियों में। इसके अलावा हवादार जूते न पहनने से भी ये स्थिति हो जाती है क्योंकि पसीने को उड़ने के लिए जगह नहीं मिलती है।
3-अगर आप अपने पैरों को समय-समय पर नहीं धोते हैं तो निश्चित तौर पर ये स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि पसीने से निकलने वाली गंदगी आपके पंजों में जमा होने लगती है और अगर आप नहाने के दौरान उनकी सफाई नहीं करते हैं ये स्थिति आपको परेशान कर सकती है।
4-अगर आपके पंजों में अन्य किसी कारणों से बहुत ज्यादा पसीना आ रहा है तो भी आप टो जैम जैसी स्थिति से परेशान हो सकते हैं। जैसे बच्चों और किशोरों के पंजों में बहुत ज्यादा पसीना आता है क्योंकि उनमें पसीने वाली ग्रंथि अधिक सक्रिय होती है। जबकि कुछ लोग हाइपरहिड्रोसिस जैसे स्वास्थ्य स्थिति का शिकार होते हैं, जिसकी वजह से उन्हें बहुत ज्यादा पसीना आता है।
आमतौर पर ये स्थिति बहुत ही छोटी स्वास्थ्य समस्या है। आप सिर्फ सही तरीके से पैरों की सफाई कर इस स्थिति को ठीक कर सकते हैं। अगर ये स्थिति फिर भी पैदा हो जाती है तो आप एंटी-फंगल उपचार की मदद से इस स्थिति से छुटकारा पा सकते हैं।
अगर आप किसी क्रॉनिक स्थिति से पीड़ित हैं तो ये स्थिति आपके लिए ज्यादा घातक हो सकती है। डायबिटीज जैसी स्थिति, जिसमें व्यक्ति की देखने की क्षमता कम हो सकती है तो उसे अपने तलवों में होने वाली ये समस्या कम ही दिखाई देती है। क्योंकि उसका चलना-फिरना कम हो जाता है, इसलिए ये परेशानी बढ़ सकती है।
डायबिटीज को अगर डाइट, एक्सरसाइज, दवा से कंट्रोल न किया जाए तो व्यक्ति के शरीर में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और उसके पैरों में संवेदनशीलता कम होनी शुरू हो जाती है और ये परेशानी बढ़ सकती है।
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