Tinnitus Overview in Hindi: क्या आपके कान में भी कभी-कभी सीटी या घंटी बजने की आवाज आती है? कान में घंटी बजने को टिनाइटस (tinnitus) कहा जाता है। कई बार कानों में इस तरह की आवाजें सुनाई देना सामान्य होता है, लेकिन बार-बार सीटी बजना खतरनाक भी हो सकता है। इस समस्या का सीधा संबंध दिमाग के कुछ नेटवर्क में होने वाले बदलाव से होता है। इस बदलाव की वजह से मस्तिष्क आराम की मुद्रा में कम और सतर्कता की मुद्रा में अधिक रहता है। एक शोध के अनुसार, अगर आपको टिनाइटस की समस्या है, तो आप ध्यान संबंधी समस्या हो सकती है, क्योंकि ऐसी स्थिति में आपका ध्यान टिनाइटस (Symptoms of Tinnitus in Hindi) से जुड़ा होगा और आप अन्य बातों पर कम ध्यान दे पाएंगे।
आज ध्वनि प्रदूषण भी काफी बढ़ता जा रहा है। टीवी, रेडियो, ईयरफोन/हेडफोन कान में लगाने की आदत लोगों में अधिक बढ़ गई है, जिससे सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। इनमें सबसे आम समस्या टिनाइटस (Tinnitus in hindi) की है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में लगभग 360 मिलियन लोग यानी 5 में 1 लोग इस समस्या के शिकार हैं। हियरिंग हेल्थ फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार, 2035 तक 15.6 मिलियन लोगों के टिनाइटस (Tinnitus in hindi) होने का खतरा है। ऐसे में इसका इलाज समय रहते करवाना बेहद जरूरी है, ताकि आप बहरेपन से बचे रहें।
टिनाइटस होने पर कानों में शोर, घंटी या सीटी बजने जैसी आवाजें सुनाई देने लगती हैं। यह कान की कोशिका के क्षतिग्रस्त होने के कारण होता (kaan bajne ke karan lakshan in hindi) है। आपको ऐसी आवाजें कई बार रुक-रुककर या फिर लगातार सुनाई दे सकती हैं। अधिक शोरगुल वाली जगह पर रहने, गाड़ियों की आवाज, सिर में चोट लगने, दवाइयों के साइड इफेक्ट, कान में वैक्स या गंदगी जमा होने, कान में संक्रमण, कान में चोट लगने के कारण टिनाइटस हो सकता है। जो लोग फैक्ट्री, मिलों आदि में काम करते हैं, उनमें लगातार तेज आवाज सुनने से कान खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
कान बजने की समस्या टिनाइटस होने पर आसपास कोई भी आवाज नहीं होने के बावजूद भी तरह-तरह की आवाजें सुनाई देती हैं, जो आपके कान के अंदर से ही आती हैं। यदि इसका इलाज समय पर ना करवाएं, तो मरीज डिप्रेशन में भी जा सकता है। उसकी याददाश्त कमजोर पड़ सकती है।
अगर आपके कान बज रहे हैं यानी आप टिनिटस या टिनाइटस के शिकार हो गए हैं, तो लक्षणों को पहचानकर इलाज तुरंत करवाएं वरना आपकी सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। इस बीमारी के लक्षणों में कान में सीटी या घंटियां बजना, सिरदर्द, कान में झनझनाहट होना, कुछ मामलों में कान में दर्द होना आदि शामिल हैं।
टिनाइटस के इलाज में डिवाइस थेरेपी उपयोग किया जाता है। ये टिनाइटस की आवाज पैदा करने वाले न्यूरॉन्स पर असर डालते हैं। मेडिकेटेड ईयरफोन की मदद से दिन में 2 से 3 बार लगभग 20 से 40 मिनट के लिए थेरेपी की जाती है। न्यूरोमाड्यूलेशन थेरेपी मरीज की उम्र के हिसाब से निर्धारित की जाती है। इससे तुरंत राहत मिलती है, पर जरूरी यह है कि यह उपचार योग्यता प्राप्त विशेषज्ञ की देख-रेख में हो, जो 90 प्रतिशत सफलता का भरोसा देता है।
Tinnitus Overview : जानें कान से जुड़ी समस्या टाइनाइटस के कारण, लक्षण
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