By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts. Cookie Policy.
विटामिन डी व्यक्ति के शरीर के लिए एक आवश्यक विटामिन है। यह विटामिन सूर्य की रोशनी में प्राकृतिक रूप से होता है और कुछ फूड प्रोडक्ट्स में भी पाया जाता है। यह विटामिन अलग-अलग प्रकार का होता है। जैसे विटामिन डी2 और विटामिन डी3। बहुत सारे लोगों को इनके अंतर के बारे में नहीं पता होता है। न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से इन दोनों विटामिन के अंतर को जानने में मदद की है। विटामिन डी 2 प्लांट बेस्ड स्रोत में पाया जाता है और विटामिन डी3 सूर्य के प्रकाश में पाया जाता है। दोनों तरह के विटामिन की ही अपनी अलग पहचान है और यह दोनों ही आपके शरीर के लिए जरूरी हैं।
विटामिन डी2 प्लांट आधारित फूड में पाया जाता है। जब यीस्ट और फंगी को यूवी लाइट में एक्सपोज किया जाता है तो यह विटामिन बनता है। यह विटामिन फोर्टिफाइड फूड्स में एड किया जाता है। वहीं विटामिन डी 3 आपकी स्किन द्वारा सिंथेसिस किया जाता है। जब आपकी स्किन सूर्य की किरणों के प्रकाश में खासकर अल्ट्रा वॉयलेट बी रेडिएशन के संपर्क में आती है तब वह विटामिन प्राप्त होता है। विटामिन डी 3 पशुओं पर आधारित फूड के आइटम्स में पाया जाता है जैसे अंडे की जर्दी, फैटी फिश और अन्य फोर्टीफाइड फूड। विटामिन डी 3 खून में विटामिन डी की मात्रा को लंबे समय तक रखने में मदद करता है।
सूर्य की रोशनी के संपर्क में आना भी जरूरी होता है। हालांकि आपको एक बैलेंस बनाना होता है ताकि ज्यादा सूर्य के एक्सपोजर से आपकी स्किन को सूर्य की हानिकारक किरणों से नुकसान भी न पहुंचे और साथ ही आपकी विटामिन डी 3 की जरूरतें भी पूरी हो सकें। लाइट स्किन टोन वाले लोगों के लिए 15 से 20 मिनट का सन एक्सपोजर काफी होता है। डार्क स्किन टोन वाले लोगों को इससे थोड़ी ज्यादा देर तक सूर्य में रहना चाहिए।
विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए इसके अच्छे स्रोतों को डाइट में शामिल करना चाहिए। विटामिन डी के स्रोतों में कुछ शाकाहारी तो कुछ मांसाहारी स्रोत शामिल होते हैं। मशरूम, रागी, सोयाबीन, करी पत्ता जैसी चीजें विटामिन डी का अच्छा स्रोत हैं।
अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी रहती है तो उसे पूरा करने के लिए आप इसके सप्लीमेंट का सेवन भी कर सकते हैं। सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले डॉक्टर की राय जरूर ले लें। इसके अलावा आपको विटामिन डी 2 की बजाए डी 3 के सप्लीमेंट का सेवन करना चाहिए।
मैग्नीशियम विटामिन डी को एक्टिवेट करने के काम आने वाला एक मिनरल है। इसलिए इसके स्रोतों को भी अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। इसके स्रोतों में मशरूम, ओटमील, काजू, केला और ब्रोकली, अंडे की जर्दी आदि होते हैं।
रोजाना एक्सरसाइज करने से भी आपके शरीर की विटामिन डी की जरूरतें पूरी हो सकती हैं।