What is Male Menopause in Hindi: महिलाओं में जिस तरह 45 वर्ष की उम्र के बाद मेनोपॉज (Female Menopause) की स्थिति आती है, ठीक उसी तरह पुरुषों में भी मेनोपॉज होता है, जिसे मेल मेनोपॉज (Male Menopause) यानी एंड्रोपॉज (Andropause) कहते हैं। उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। महिलाओं में, मेनोपॉज प्रजनन क्षमता को समाप्त कर देता है और पुरुषों में धीरे-धीरे होने वाले एंड्रोपॉज की तुलना में इसके स्पष्ट संकेत होते हैं। क्या है पुरुषों में होने वाला मेनोपॉज, कब होती है इसकी शुरुआत, क्या हैं इसके कारण, उपचार, इस पर विस्तार से जानकारी दे रही हैं ओएसिस फर्टिलिटी (हैदराबाद) की क्लिनिकल हेड एंड फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ. सर्बजया सिंह....
मेल हार्मोन टेस्टोस्टेरोन एक निश्चित उम्र के बाद पुरुषों में कम होना शुरू हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप शारीरिक, यौन और मनोवैज्ञानिक समस्याएं हो सकती हैं। यूरोपियन यूरोलॉजी ओपन साइंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ती उम्र के साथ, पुरुषों को परिसंचरित, जैविक रूप से उपलब्ध टेस्टोस्टेरोन में धीरे-धीरे कमी का अनुभव होता है। माना जाता है कि सीरम टेस्टोस्टेरोन के स्तर में गिरावट 30 वर्ष की उम्र से प्रति वर्ष लगभग 1% की दर से बढ़ता है और आमतौर पर 50 वर्ष की उम्र के बाद उल्लेखनीय गिरावट होती है। एंड्रोपॉज को लेट-ऑनसेट हाइपोगोनाडिज्म/वृद्ध होते पुरुष में एंड्रोजन गिरावट के रूप में भी जाना जाता है।
मेनोपॉजया एंड्रोपॉज सभी पुरुषों में नहीं पाया जाता है। यह पुरुषों की प्रजनन क्षमता को पूरी तरह से नहीं रोकता है। यह आमतौर पर उन पुरुषों में देखा जाता है, जो मोटापे से ग्रस्त होते हैं और जिनको सह-रुग्णता या कोमॉर्बिडिटी होती हैं। टेस्टोस्टेरोन एक महत्वपूर्ण पुरुष सेक्स हार्मोन (Male Sex Hormone) है, जो पुरुषों की प्रजनन क्षमता के नियमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का बढ़ा या घटा हुआ स्तर पुरुषों को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। कुछ कारण जो एंड्रोपॉज को बढ़ा सकते हैं, वे हैं:
टेस्टोस्टेरोन जेल: इसके इलाज में आपको टेस्टोस्टेरोन जेल लगाना होता है। इस जेल को सीधे बाहों या कंधों पर लगाएं। जेल लगाते समय कुछ सावधानियां बरतनी होती हैं।
टेस्टोस्टेरोन स्किन पैच: स्किन के पैच के परिणामस्वरूप टेस्टोस्टेरोन का लगातार स्राव होता है और इसे पेट, जांघों आदि पर लगाया जा सकता है।
टेस्टोस्टेरोन की गोलियां: गोलियों का उपयोग पुरुष एंड्रोपॉज के लक्षणों के उपचार के लिए भी किया जाता है। जिन पुरुषों को हार्ट, किडनी या लीवर की बीमारी है, उन्हें ये गोलियां नहीं खानी चाहिए।
टेस्टोस्टेरोन इंजेक्शन: यह इंजेक्शन हर 2 से 4 हफ्ते में दिया जाता है।
ध्यान दें, एंड्रोपॉज एक सामान्य समस्या है, जो पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ होती है। ऐसे में व्यक्ति को घबराने की जरूरत नहीं है। यदि आपको कोई समस्या है, तो उपचार और सलाह के लिए किसी एंड्रोलॉजिस्ट से परामर्श लें।
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