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मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए डायट में वे सभी पोषक तत्व मौजूद होने चाहिए जो हमें हेल्दी और फिट रखने के लिए जरूरी होते हैं। इनकी कमी से लोग कई तरह की शारीरिक समस्याओं से घिर जाते हैं। कई बार खानपान बेतरतीब होने से रक्तचाप पर भी बुरा असर पड़ता है। यदि आप भी उच्च रक्तचाप से परेशान हैं, तो इसका भी आयुर्वेद में प्राकृतिक तरीके से उपचार संभव हैं। उच्च रक्तचाप वास्तव में हमारे पित्त दोष के कारण पैदा होता है। यह जरूरी है कि हम आयुर्वेद के अनुसार, अपने विभिन्न दोषों के विषय में जान लें।
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श्री श्री कॉलेज ऑफ आयुर्वेद रिसर्च की निदेशक और प्रसिद्ध पुस्तक ‘आयुर्वेद सिंप्लिफाइड’ की लेखक डॉ. निषा मनीकंठन कहती हैं, ‘‘आयुर्वेद में जीवन को एक साथ शरीर, संवेदना, मन और आत्मा सबके मेल को लिया गया है। एक जीवित व्यक्ति में तीन तरह के दोष वात, पित्त और कफ हो सकते हैं या फिर जीवन को चलाने वाले ऊतक जैसे रस, रक्त ममसा, मेदा, अस्थि, मज्जा, शुक्र और शरीर के कई अवशिष्ट जैसे मल, मूत्र, पसीना आदि।’’
हमारे शरीर का विकास और अभिविन्यास हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से उत्पन्न दोषों, ऊतकों और अवशिष्टों पर निर्भर रहता है। पाचन, अवशोषण, आंकलन और भोजन का मेटाबॉलिज्म सब मिलकर हमारे स्वस्थ रहने और बीमारी हमारे मनौवैज्ञानिक तंत्र और अग्नि तत्व से प्रभावित होती है।
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उच्च रक्तचाप की समस्या
द आर्ट ऑफ लिविंग की डाॅ. हम्पी चक्रवर्ती कहती हैं कि उच्च रक्तचाप पित्त से उत्पन्न होता है। दूसरे शब्दों में एक तनावपूर्ण और असहज जीवन, असमय भोजन, पोषण का अभाव भी मन और शरीर में विश्राम का अभाव उच्च रक्तचाप का कारण बनता है। इसके साथ ही मधुमेह, थकान, हृदय जलन, मोटापा आदि भी आने लगते हैं। इसके लिए सही जीवनशैली को अपनाने के लिए जागरूकता जरूरी है। इन दिनों ऑर्गेनिक खान-पान का महत्व भी बढ़ा है। उच्च रक्तचाप से सही ढंग से लड़ने के लिए दो रास्ते अपनाए जा रहे हैं, एक तो नियमित कसरत और दूसरा आयुर्वेद के अनुसार भोजन करना।
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तनाव को सांस के जरिए करें बाहर
डाॅ. हम्पी चक्रवर्ती के अनुसार, उच्च रक्तचाप का एक महत्वपूर्ण कारण तनाव है जो पित्त से जनित है। यदि आपके पास तनाव से लड़ने के उपाय हैं तो आपने आधा युद्ध जीत लिया है। तनाव से ग्लूकोन हार्मोन शरीर में रिसते हैं जो रक्त में ग्लूकोज बढ़ने का कारण होते हैं। योगासन, प्राणायाम, ध्यान और सुदर्शन क्रिया के साथ सही ढंग से भोजन हमारे अंदर के इंसुलिन के स्तर को संतुलित करते हैं।
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उच्च रक्तचाप को दूर करने के घरेलू नुस्खे
- तरबूज और सेब उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं। एक कप तरबूज का रस सुबह खाली पेट लेने से बहुत फायदा होता है।
- जो लोग सुबह घूमते हैं वे यदि चार-पांच टुकड़े अदरक, तुलसी के पत्ते और कुछ गुड़ के टुकड़े मुह में रखें तो फायदा होगा।
- सुबह एक गिलास गर्म पानी जिसमें एक चम्मच शहद हो इसे दिन में दो या तीन बार लेने से भी फायदा होता है।
- उबले हुए आलू भी उच्च रक्तचाप को कम करते हैं। उनको छिलकों के साथ उबालिए ताकि वे कम नमक सोंख पाएं।
- शहद के साथ धनिए का पाउडर भी लाभकारी होता है।
- कच्ची सब्जियों का रस विशेषकर गाजर और पालक लेना स्वास्थ्यवर्धक होता है। इन्हें सलाद के रूप में भी लिया जा सकता है।
- प्रतिदिन 20 नीम के पत्ते खाना भी लाभकारी है।