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Waterborne Diseases : एंटी-बायोटिक दवाओं की जगह यूं बचाएं खुद को पानी से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों से

Waterborne Diseases : एंटी-बायोटिक दवाओं की जगह यूं बचाएं खुद को पानी से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों से
मानसून में पानी से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों के इलाज के लिए एंटी-बायोटिक दवाओं का गलत इस्तेमाल न करें। © Shutterstock.

मानसून के दिनों में पानी से फैलने वाली बीमारियों के इलाज के लिए अक्सर लोग डाॅक्टर की सलाह के बिना एंटी-बायोटिक दवाओं का गलत इस्तेमाल करते हैं। ऐसा करने से आप अन्य बीमारियों के लिए अधिक संवेदनशील हो जाते हैं, क्योंकि इससे शरीर में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में पानी से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों को पहचान कर उनका उचित इलाज जरूरी है।

Written by Anshumala |Published : July 23, 2019 9:28 AM IST

मानसून का मौसम जहां एक ओर भीषण गर्मी से राहत देता है, तो वहीं दूसरी ओर बारिश की वजह से हवा में नमी बढ़ जाती है, जिसके चलते बैक्टीरिया और अन्य पैथोजन्स तेजी से पनपते हैं। ऐसे मौसम में खासतौर पर रुके हुए पानी की वजह से पानी से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। पानी से फैलने वाली इन बीमारियों (Waterborne Diseases in hindi) के इलाज के लिए अक्सर लोग डाॅक्टर की सलाह के बिना एंटी-बायोटिक दवाओं का गलत इस्तेमाल करते हैं।

हालांकि, ऐसा करने से आप अन्य बीमारियों के लिए अधिक संवेदनशील हो जाते हैं, क्योंकि इससे शरीर में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाते हैं। इसी वजह से आजकल लोगों में एंटीबायोटिक रेजिस्टेन्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में पानी से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों (Waterborne Diseases in hindi) को पहचानना जरूरी है। पानी से फैलने वाली इन बीमारियों का इलाज कैसे किया जाना चाहिए, बता रहे हैं इन्द्रप्रस्थ अपोलो हाॅस्पिटल्स के इंटरनल मेडिसिन, सीनियर कन्सलटेन्ट, डाॅ. सुरंजीत चैटर्जी -

पानी से फैलने वाली कुछ बीमारियां और रोकथाम के उपाय

गैस्ट्रोएंट्राइटिस (Gastroenteritis in hindi)

इसे फूड प्वॉइजनिंग या भोजन विषाक्तता भी कहा जाता है। मानसून में हवा में नमी बढ़ने केे कारण भोजन में बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं। इसके लक्षण हैं पेट में मरोड़ पड़ना, उल्टी, डायरिया आदि।

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रोकथाम के उपाय

खूब पानी पिएं, हर समय अपने आप को हाइड्रेटेड रखें। मसालेदार, कच्चे भोजन या सड़क पर बिकने वाली चीजें न खाएं।

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टायफाॅइड

यह पानी से फैलने वाला संक्रमण (Waterborne Diseases in hindi) है, जो एक बैक्टीरिया-साल्मोनेला की वजह से होता है। यह बीमारी संदूषित भोजन या पानी से होती है। रोग के लक्षण हैं तेज बुखार, पेट में दर्द, उल्टी, सिर में दिर्द। कुछ मामलों में संक्रमण गाॅल ब्लैडर तक चला जाता है, जो इलाज के बाद भी ठीक नहीं होता।

रोकथाम के उपाय

साफ पानी पिएं। सैनिटेशन का ध्यान रखें। हर बार खाना खाने से पहले आपने हाथों को अच्छी तरह धोएं।

हैजा (Cholera symptoms in hindi)

हैजा एक जानलेवा बीमारी है, जो मानसून में फैलती है। यह अनहाइजीनिक परिस्थितियों, संदूषित भोजन और पानी के कारण होती है। इसके आम लक्षण हैं- गंभीर डायरिया, उल्टी, जिसकी वजह से शरीर से पानी बहुत अधिक मात्रा में निकल जाता है। मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती है। गंभीर डायरिया के कारण कुछ ही घंटों में डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो जाता है। हैजा के मामले में तुरंत इलाज की जरूरत होती है, क्योंकि इससे कुछ ही घंटों के अंदर मरीज की मृत्यु हो सकती है।

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रोकथाम के उपाय

साफ पेय जल, बेहतर साफ-सफाई, नियमित रूप सेे हाथ धोने से आप इस बीमारी से बच सकते हैं। पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में न आएं। गंभीर मामलों में मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती करें।

पीलिया

इसमें त्वचा पीली पड़ जाती है और आंखें सफेद होने लगती हैं। यह सक्रंमित पानी की वजह से होता है। जाॅन्डिस में रक्त में बिलीरूबीन की मात्रा बढ़ जाती है, जिसकी वजह से शरीर पीला पड़ने लगता है। इसकेे साथ बुखार और शरीर में दर्द होता है।

रोकथाम के उपाय

हर तरह के पीलिया को रोकना संभव नहीं है। हालांकि, कुछ सावधानियों के द्वारा इसकी संभावना को कम किया जा सकता है। अच्छी आदतों, हेपेटाइटिस ए और बी के लिए टीकाकारण और संदूषित भोजन और पानी के सेवन से बचकर आप इस बीमारी से बच सकते हैं।

मानसून क दौरान स्वस्थ रहने के कुछ सुझाव

- जहां तक हो सके, बाहर का खाना न खाएं।

- अपने कपड़ें को सूखा रखें ताकि फंगल इन्फेक्शन न हो।

- भीड़-भाड़ भरे स्थानों, बाजार या माॅल आदि में न जाएं।

- खांसते, छींकते समय अपने नाक और मुंह को रूमाल से ढक लें।

- बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद और हर बार खाना खाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं।

- खूब पानी पिएं। ध्यान रखें कि पीने और खाना पकाने के लिए साफ एवं फिल्टर किया गया पानी ही इस्तेमाल करें।

- इस मौसम में उबला या प्यूरीफायर का पानी पीने की सलाह दी जाती है ताकि पानी के कारण होने वाली बीमारियां न फैलें।