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मानसून जहां गर्मी से राहत देता है, तापमान कम करता है वहीं कई बीमारियां भी लेकर आता है। ये बीमारियां काफी गंभीर हो सकती हैं। मानसून के दिनों में सबसे ज्यादा आप संक्रमण के शिकार होते हैं। उच्च स्तर के पर्सनल हाइजीन से आपको स्वस्थ रहने के साथ-साथ बारिश का मजा लेने में भी सहायता मिलेगी। अच्छे पर्सनल हाइजीन से इनमें से अधिकतर बीमारियों को रोकने में सहायता मिलती है।
मानसून में होने वाली आम समस्याएं
वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एंड सफदरजंग हॉस्पिटल, दिल्ली के डायरेक्टर प्रोफेसर एंड एचओडी कम्यूनिटी मेडिसिन डॉ. जुगल किशोर कहते हैं कि बरसात का मौसम अपने साथ वायरल, फंगल और बैक्टीरियल बीमारियां लाता है। इनमें सामान्य सर्दी-खांसी (फ्लू) से लेकर पेट की गड़बड़ी और मलेरिया, डेंगू, टाइफॉयड, गैस्ट्रोएनटेराइटिस, फूड प्वॉइजनिंग, कॉलरा और जॉनडिस जैसी गंभीर बीमारियां शामिल हैं। हवा में नमी ज्यादा होने के कारण बैक्टीरिया और फंगस से होने वाले त्वचा के संक्रमण भी बहुत आम हैं।
मानसून के दौरान बच्चे वयस्कों के मुकाबले ज्यादा बीमार पड़ते हैं, क्योंकि उनमें प्रतिरक्षण का स्तर कम होता है। वे घर के बाहर खेलते हैं, इस कारण ढेर सारे रोगाणुओं और संक्रमण के संपर्क में आते हैं। इस मौसम में तापमान रोगाणुओं के विकास के लिए अनुकूल होता है। आर्द्र माहौल में ये रोगाणु बहुत तेजी से बढ़ते हैं। पानी इकट्ठा होने, टपकती छत और दीवार, नालियों और गटर का भरना, अशुद्ध पेय जल के साथ यह सब कुछ इस मौसम को संक्रमण और बीमारी के लिए आदर्श बनाता है। इन बीमारियों में कइयों से एकमात्र बचाव उच्च स्तर का पर्सनल और पर्यावरणीय हाइजीन है। कुछ बीमारियों के लिए टीके जरूर उपलब्ध हैं, पर ज्यादातर मामलों में हाइजीन ही काम आता है।
कुछ महत्वपूर्ण हाइजिनिक आदतें
क्या खाते हैं उस पर दें ध्यान
पानी की ही तरह खाद्य पदार्थों से भी कई तरह के संक्रमण हो सकते हैं। यहां इस मानसून में व्यवहार में लाने के लिए खाद्य पदार्थों से संबंधित पांच अच्छे व्यवहार हैं-
1 ताजा पकाया गया भोजन करें। तैयार होने के कुछ घंटे के अंदर ही भोजन कर लें। रखा हुआ खाना खाने से बचें।
2 लंबे समय से रेफ्रिजरेटर में रखे खाद्य पदार्थों को मत खाइए। इससे उल्टी या डायरिया हो सकता है। रेफ्रिजरेटर में रखे खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पहले जांच लीजिए कि वह खराब तो नहीं हो रहा है। इसके लिए इसके रंग, गंध और स्वाद में परिवर्तन का पता लगाइए। अगर आपको थोड़ी सी भी आशंका हो तो ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन मत कीजिए।
3 बाहर कम से कम खाइए। इसमें संक्रमण का खतरा रहता है। बरसात के मौसम में सड़क पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों और फलों के रस से पूरी तरह बचिए। अगर आपको बाहर खाने की मजबूरी हो तो ऐसा खाना खाइए जो पूरी तरह गर्म हो या तला हुआ हो, क्योंकि इनके संक्रमित होने की आशंका कम है।
4 कच्चे खाद्य पदार्थों जैसे सलाद खाने से बचिए।
5 फल और मिठाई खाने से पहले सुनिश्चित कीजिए कि वे ताजे हैं। बची हुई चीजें फेंक दीजिए।
मच्छरों की घर में नो एंट्री
मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां जैसे मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया ने पिछले कुछ वर्षों में महामारी का रूप ले लिया है। जगह-जगह पानी इकट्ठा रहना और मानसून के दौरान पूलिंग से मच्छरों को प्रजनन के लिए अच्छी जगह मिल जाती है। जहां तक संभव हो, पानी को इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। पानी के सभी स्रोत जैसे कुंए, टैंक, निर्माण के लिए पानी रखने वाले टैंक और ओवरहेड टैंक को ढंक कर रखें। कूलर की भी साफ-सफाई का ध्यान रखें।
अपनी त्वचा की रक्षा कीजिए
खुद को हर समय सूखा रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस मौसम में त्वचा की संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका बहुत ज्यादा रहती है। अगर आप बारिश में भीग जाते हैं तो जितनी जल्दी संभव हो सूखे कपड़े पहन लें। रोज नहाइए और अक्सर अपने चेहरे और हाथों को धोइए। इससे मानसून में होने वाले अत्यधिक तैलीय त्वचा से छुटकारा पाने में सहायता मिलती है। हाथों को अक्सर धोते रहने से दूसरे संक्रमण को भी रोकने में सहायता मिलती है और यह एक महत्वपूर्ण हाइजिनिक आदत है।
चित्रस्रोत:Shutterstock.