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Vitamin E Deficiency : विटामिन ई एक ऐसा विटामिन है, जो शरीर के फैट में आसानी से घुल जाता है। अनाज, मांस, अंडे, वेजिटेबल ऑयल, फलों, सब्जियों और व्हीट जर्म ऑयल के साथ-साथ कई अन्य पदार्थों में विटामिन ई होता है। कई लोग विटामिन ई सप्लीमेंट के रूप में भी लेते हैं। इस लेख के जरिए हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों विटामिन ई लेना चाहिए, इसकी कमी से होने वाले (Vitamin E Deficiency) नुकसान, साथ ही किस तरह इसका प्रयोग करना चाहिए।
एंटीऑक्सीडेंट के गुणों से भरपूर होता है विटामिन ई। एंटीऑक्सीडेंट ऐसे तत्व होते हैं, जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाने में हमारी मदद करता है। वहीं जब हम धूम्रपान या रेडिएशन के संपर्क में आते हैं, तो शरीर के खाद्य पदार्थों को तोड़ने पर जो अणु बनते हैं, उसे फ्री रेडिकल्स होते हैं।
विटामिन ई में विभिन्न तरह के यौगिक होते हैं। इन यौगिक में से सबसे सक्रिय अल्फा टोकोफेरोल होता है। ये यौगिक स्किन और त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। शरीर के कई अंगों की मरम्मत करने में इस विटामिन का बहुत ही योगदान होता है। इसकी मदद से कोशिकाओं को नुकसान नहीं पहुंचता है।
आप विटामिन ई कैप्सूल्स को सीधे तौर पर या अपने फेस पैक में मिलाकर दिन में दो बार इसका प्रयोग कर सकते हैं। ज्यादा इस्तेमाल से साइड इफेक्ट का खतरा हो सकता है। दिन खत्म होने पर इस लगायें और रात भर लगा रहने दें।
विटामिन ई कैप्सूलके साइड इफेक्ट कम ही देखने को मिलते हैं। हालांकि, कभी-कभी देखा गया है कि इसके साइड इफेक्ट से स्किन पर रैशेज हो जाते हैं। अगर आप रोजेसा (rosacea) से पीड़ित है तो यह उसे और भी बिगाड़ सकता है। विटामिन ई के एंटी कोऐग्यलन्ट (coagulant) होने के कारण यह ब्लीडिंग को बढ़ा सकता है और खून जमने कि क्षमता को कम कर सकता है। हालांकि, यह तभी होता है जब आप विटामिन ई की मुंह से लेने वाली खुराक की मात्रा बहुत अधिक ले लेंगे।
खून पतला करने वाली और अन्य दवाइयों का सेवन करने वाले लोगों को विटामिन ई के सप्लीमेंट हानि पहुंचा सकते हैं। कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। हमेशा 100% विटामिन ई ऑयल वाली कैप्सूल का ही प्रयोग करें। आप इसे अपने घर पर ही अपनी सुविधानुसार फेस पैक, क्रीम या लोशन में मिलाकर इस्तेमाल करें, तो अच्छे प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें।