Vertigo or dizziness: कई बार जब आप सोकर उठते हैं तो आपको अचानक से ऐसा महसूस होता है कि आपके आसपास सबकुछ हिल रहा है और आप किसी भी चीज को ठीक तरीके से देख नहीं पा रहे। इसके साथ-साथ तेज सिरदर्द, उल्टी और चक्कर आना जैसी परेशानियां भी आपको महसूस होती हैं। इस बीमारी को वर्टिगो कहा जाता है। अब आप जानना चाहेंगे कि यह बीमारी कितनी गम्भीर है और इसके कारण या लक्षण क्या हैं। यह सभी जानकारियां आप पढ़ सकते हैं यहां। (What is dizziness)
आपके आसपास की चीजें घूमती हुई नजर आती हैं? बार-बार जी मिचलाना और उल्टी सा महसूस होता है, तो हो सकता है आप वर्टिगो (vertigo) बीमारी से पीड़ित हों। आम भाषा में वर्टिगो को चक्कर आना कहते हैं। इस बीमारी में दिमाग, कान के अंदरूनी हिस्से या संवेदी तंत्रिका मार्ग से संबंधित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत मिल सकता है। मैक्स हॉस्पिटल (पटपड़गंज) के न्यूरोसर्जरी के वरिष्ठ निदेशक डॉ. संजीव दुआ (Dr. Sanjeev Dua, Department Of Neurosurgery Max Super Specialty Hospital, Patparganj, Delhi) का कहना है किवर्टिगो (vertigo) को मोशन सिकनेस (motion sickness) या बैलेंस डिसआर्डर भी कहते हैं। (dizziness meaning in hindi)
डॉ. संजीव दुआ कहते हैं कि जब वर्टिगो की समस्या (vertigo problem) अधिक बढ़ने लगती है, तब इससे पीड़ित व्यक्ति जब अपनी आंखें बंद करता है, तो उसे गिरने का आभास होता है। इसमें स्थिर व्यक्ति को भी ऐसा महसूस होता है मानों वह गतिशील है। इसके कारण उसे सनसनाहट महसूस होती है। संतुलन की प्रक्रिया को शरीर की तीन प्रणालियां नियंत्रित करती हैं- अपने लैबिरिंथीन कैनाल के साथ भीतरी कान, आंख और आंख की मांसपेशियां और गर्दन की मांसपेशियां। इन प्रणालियों से इनपुट को मस्तिष्क के विशिष्ट क्षेत्रों में संसाधित (Processed) किया जाता है और इनपुट सिंक्रनाइज किए जाने पर संतुलन की धारणा कायम रहती है। जब भी मस्तिष्क (सीपीयू) सूचना को ठीक से संसाधित करने में असमर्थ होता है, तो इससे वर्टिगो पैदा होता है।
इन योगासनों के जरिए करें चक्कर आने की समस्या को दूर
डॉ. दुआ कहते हैं कि लोगों को लगता है कि यह समस्या सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कारण होता है। हालांकि, वर्टिगो से पीड़ित कई रोगियों में सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस का भी निदान किया जाता है। वर्टिगो के सबसे कॉमन कारणों में शामिल है आंतरिक कान या मध्य कान में दर्द होना है, जो साधारण कान की गंदगी से लेकर लैबिरिंथ के वायरल संक्रमण से भी हो सकता है।
वर्टिगो का इलाज अलग-अलग व्यक्ति में अलग-अलग होता है। कुछ लोगों में यह समस्या दवा से ही ठीक हो जाती है। जब क्रोनिक वर्टिगो हो तो डॉक्टर इपलिस मनूवर जैसी शीरीरिक गतिविधियां करने की सलाह देते हैं। वर्टिगो के कई अन्य जटिल कारणों में मस्तिष्क के महत्वपूर्ण क्षेत्रों की व्यापक जांच की जरूरत पड़ती है। वर्टिगो का इलाज सही समय पर ना किया जाए, तो बोलने या निगलने में कठिनाई, नजर कमजोर होने, अंगों की कमजोरी आदि भी देखी जा सकती है।
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