टीबी (Tuberculosis) के साथ सबसे बड़ी समस्‍या यह है कि ये अंदर ही अंदर बढ़ता है। इसके लक्षण अन्‍य सामान्‍य संक्रमण जैसे ही होते हैं। पर जब तक रोगी को इसके बारे में पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। यही वजह है कि इसे साइलेंट किलर (Tuberculosis) कहा जाता है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने 2030 तक टीबी (Tuberculosis) को दुनिया से समाप्‍त कर देने का लक्ष्‍य रखा है। पर हालत अभी तक ये है कि हर साल भारत में ही इससे (Tuberculosis) 28 लाख लोग पीडि़त होते हैं। जिनमे से चार लाख से ज्‍यादा की मौत