Don’t Miss Out on the Latest Updates.
Subscribe to Our Newsletter Today!
Vitamin d in sunlight : हमारे शरीर को सही तरीके से काम करने के लिए हर एक विटामिन की जरूरत होती है, और कुछ विटामिन्स की कमी आपके शरीर पर बुरी तरीके से भारी पड़ती है। इन्हीं में से एक है विटामिन डी की कमी, जो न सिर्फ हड्डियों की कमजोरी का कारण बनती है बल्कि आपकी हड्डियों में दर्द भी होने लगता है। हालांकि बहुत से लोग मेडिकल शॉप या फिर खुद से घरेलू नुस्खे आजमाकर राहत पाने की कोशिश करते हैं लेकिन सही कारण का पता सिर्फ डॉक्टरी सलाह और टेस्ट की मदद से ही होता है। कई बार खुद से दवा खरीदकर खा लेने से बहुत से लोग टॉक्सिसिटी का भी शिकार हो जाते हैं, जिसे हाइपरविटामिनोसिस भी कहा जाता है। ये स्थिति आगे चलकर खून में कैल्शियम के जमा होने का कारण बनती है, जिसकी वजह से किडनी फेल्योर भी हो सकता है। आइए जानते हैं दिन में कितनी विटामिन डी की मात्रा आपके लिए जरूरी है और आप कितनी मात्रा आपको नुकसान पहुंचाती है।
जब कोई व्यक्ति जरूरत से ज्यादा विटामिन डी की गोलियांया फिर इंजेक्शन ले लेते हैं तो ये शरीर में हाइपरविटामिनोसिस का कारण बनता है। आपके शरीर में मौजूद सीरम लेवल अगर 100 एनजी/एमएल से ज्यादा हो जाए तो उसे टॉक्सिक लेवल माना जाता है। इसके अलावा अगर आप कई महीनों तक 60,000 अंतर्राष्ट्रीय यूनिट लेते हैं तो भी आप टॉक्सिसिटी का शिकार हो सकते हैं। ये लेवल दिन में विटामिन डी के 600 आईयू से कही ज्यादा है इसलिए बिना किसी सलाह के विटामिन डी की गोलियां न लें।
विटामिन डी इनटॉक्सीफिकेशन के संकेतों में शामिल हैं भ्रम की स्थिति, मतली, पेट में दर्द, उल्टी और पैंक्रियाटिटिस, हाइपरटेंशन और दिल की अनियमित धड़कन। इसके अलावा शरीर में विटामिन डी का लेवल बढ़ जाने से पॉलीयूरिया, पॉलीडिप्सिया, डिहाइड्रेशन, किडनी में कैल्सीफिकिशेन यानी कि कैल्शियम का जमा होना और गंभीर मामलों में किडनी फेल्योर भी शामिल है।
12 साल तक की उम्र के बच्चों को दिन में 400 आईयू विटामिन डी की मात्रा का सेवन जरूरी होता है। वहीं अगर आपकी उम्र 12 से लेकर 70 साल के बीच में है तो आपको दिन में 600 आईयू की मात्रा लेनी होती है। 70 से ऊपर के लोगों को 800 आईयू विटामिन डी की मात्रा लेनी होती है।
विटामिन डी एक फैट घुलनशील विटामिन है, जिसकी जरूरत हमारे शरीर को सही तरीके से काम करने के लिए बहुत ज्यादा होती है। ये हमारी मांसपेशियों के साथ-साथ इम्यून सिस्टम, कोशिकाओं की वृद्धि के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होता है। भारत जैसे देश, जहां ज्यादातर महीनों में धूप खिलती है, उस जगह विटामिन डी की कमी होना खुद में चौंकाने वाला है।
हमारे शरीर के लिए यूं तो हर विटामिन जरूरी है लेकिन जब बात हड्डियों के स्वास्थ्य की होती है तो विटामिन डी और कैल्शियम दोनों ही जरूरी होते हैं। भारत में विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए आप सूरज की रोशनी में 11 से 3 बजे तक रुक सकते हैं। इसका मतलब ये है कि नवजात बच्चों को 17 से 30 मिनट, 12 साल तक के बच्चों को 30 से 45 मिनट और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को सप्ताह में 5 दिन तक धूप में रहने की जरूरत होती है।