बार-बार डकार आना सेहत की दृष्टि से सही नहीं माना जाता, क्योंकि कई बार इस तरह की डकार आना किसी बीमारी की आशंका भी हो सकती है। इससे एसिड रिफ्लेक्स, एसिडिडी और कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए डकार को भी आप सामान्य नहीं समझें और ध्यान दें कि डकार क्या संकेत दे रही है।
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क्यों आती है डकार
जब इकट्ठी वायु पेट से भोजन नली में आती है, तो एक तरह का कंपन करने लगती है, जो गले और मुंह से बाहर निकलने पर आवाज करती है। अगर पेट की वायु बाहर निकलने पर कंपन न करे, तो आवाज नहीं होती।
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ये हो सकती है वजह
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अपनाएंगे ये उपाय, तो मिलेगा आराम
मुंह बंद कर भोजन चबाएं और खाते समय बातें न करें।
पानी, चाय या अन्य अनकार्बोनेटेड पेय पिएं। कार्बोनेटेड पेयों में कार्बन डाइऑक्साइड गैस होती है।
यदि आपको कार्बोनेटेड पेय पीने ही हैं, तो इन्हें छोटी-छोटी चुसकियां लेते हुए ही पिएं।
अपने आहार में गैस बनाने वाले भोजन कम-से-कम शामिल करें। जैसे बीन्स, दालें, ब्रोकली, बंद गोभी, पत्ता गोभी, फूल गोभी, सलाद, प्याज, चॉकलेट, सेब, आड़ू, नाशपाती आदि। इनसे पाचन के दौरान गैस बनती है, जिस कारण डकारें आती हैं।
सब्जियों को उबालने के स्थान पर भाप में पकाएं। इससे पाचन में सहयोग करने वाले सब्जी के प्राकृतिक एंजाइम्स सुरक्षित रहेंगे।
खाना खाने से पहले अदरक का पाउडर या मिश्रण या अदरक का एक छोटा टुकड़ा चबाकर डकार को रोका जा सकता है। आप इसके लिए अदरक और शहद की चाय भी पी सकते हैं।
एक गिलास में नीबू पानी तथा बेकिंग सोडा मिलाकर पिएं। इससे आपको डकार से तुरंत राहत मिलेगी। इससे पाचन में भी सहायता मिलती है।
पपीते का इस्तेमाल करके भी डकार की समस्या को रोका जा सकता है। पपीते को अपने दैनिक आहार का हिस्सा बनाएं।
भोजन में एक कटोरा दही खाना एक सामान्य और प्राचीन भारतीय परंपरा है। इसका कारण यह है कि दही भोजन के पाचन में सहायक होता है। इसमें मौजूद बैक्टीरिया पेट तथा आंतों से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर कर देते हैं। इसकी जगह आप विकल्प के रूप में छाछ या लस्सी का भी उपयोग कर सकते हैं।
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