Tips To Get Rid Of Stress Induced Back Pain: पीठ का दर्द ना केवल काम में अड़चन बनता है बल्कि,इसकी वजह से लोगों को ठीक तरीके से चलने-फिरने और उठने-बैठने में भी दिक्कतें आ सकती हैं। आमतौर पर पीठ दर्द का कारण गलत पोस्चर में बैठने या देर तक बैठकर काम करने को माना जाता है। लेकिन, कई बार पीठ दर्द की वजह तनाव या मेंटल स्ट्रेस भी हो सकता है। कुछ स्टडीज के आधार पर एक्सपर्ट्स द्वारा दावा किया गया है कि जो लोग भावनात्मक दबाव या मेंटल प्रॉब्लम्स झेल रहे हों उनमें पीठ दर्द की संभावना बढ़ जाती है। जानकारों के अनुसार, जब लोग तनाव महसूस करते हैं तो सबसे पहले इसके लक्षण शरीर पर दिखायी देने लगते हैं। सिरदर्द, बदन दर्द, मूड स्विंग और तेजी से वजन बढ़ना या घटने जैसी समस्याएं स्ट्रेस से सीधे जुड़ी हुई हैं लोगों के तनवग्रस्त होने का संकेत हैं।
अब सवाल उठता है कि तनाव या स्ट्रेस से बचना जब लगबग नामुमकिन-सा हो चला है ऐसे में लोग क्या पीठ दर्द की इस परेशानी से आसानी से राहत पा सकते हैं? स्ट्रेस की वजह से होने वाले इस दर्द और तकलीफ से राहत पाने के लिए कौन-से उपाय किए जा सकते हैं उसी से जुड़ी जानकारी और तरीकों को जानने के लिए आप पढ़ें यह लेख।
तनाव होने पर शरीर में कुछ हार्मोन्स का निर्माण होता है। ये हार्मोन्स ब्लड प्रेशर लेवल बढ़ा देते हैं और आपकी समस्या और भी गम्भीर होने लगती है। ऐसे में तनाव के मुख्य कारणों को समझना और उनकी पहचान कर उनसे बचने के प्रयास करना महत्वपूर्ण है। तनाव की वजह से मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी पर भी दबाव बनता है और शरीर की कार्यप्रणालियां भी प्रभावित होती हैं। स्ट्रेस हार्मोन्स यानि कॉर्टिसोल(cortisol levels) के बढ़ने से गर्दन, पीठ और कंधे में दर्द और तकलीफ बढ़ जाती है और और मसल्स मास भी कम होने लगता है।
स्ट्रेचिंग जैसी एक्सरसाइजेस करने से शरीर में तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन्स का स्तर कम होता है और एंडोर्फिन जैसे हैप्पी हार्मोन्स का स्तर बढ़ता है। इससे आपकी ओवरऑल हेल्थ में भी सुधार होगा।काम के दौरान थोड़ी-थोड़ी देर में आप ब्रेक लें। जैसे 30 मिनट बैठने के बाद मिनट के लिए अपने आसपास टहलें। इसी तरह कुछ समय तक खड़े होकर काम करने से भी थोड़ी एक्सरसाइज होती है और ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर बनता है। घर पर भी हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें।
जिन लोगों को बार-बार या बहुत गम्भीर पीठ दर्द होाता है वे फिजियोथेरेपिस्ट (physiotherapist) की मदद ले सकते हैं। थेरेपिस्ट लोगों की समस्या के आधार पर कुछ ऐसी एक्सरसाइजेस की सलाह देते हैं जो उनकी समस्या को कम करने में मददगार साबित हो सकती हैं।
जो लोग हमेशा संतुलित भोजन करते हैं उनके स्वास्थ्य पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है। न्यूट्रिएंट्स से भरपूर डाइट लेने से आपको पर्याप्त मात्रा में एनर्जी मिलती है और हेल्दी वेट मेंटेन करने में सहायता होती है। इससे रीढ़ की हड्डी पर कम भार पड़ता है और पोस्चर भी ठीक होता है।
इन सबके साथ खुश रहने के प्रयास करें और दोस्तों-परिवार के साथ अच्छा वक्त बिताएं। साथ ही अच्छी किताबें पढ़ें, अच्छा संगीत सुनें और प्रकृति के बीच पेड़-पौधों के आस-पास समय बिताएं, नदीं या झील किनारे घूमने जाएं। इन सबसे तनाव कम होगा और आपकी हेल्थ में भी सुधार होगा।
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