कान से जुड़े कैंसर बहुत कम ही सुनने को मिलते हैं। यह कैंसर नाक या सिर के कैंसर जैसे होते हैं जो त्वचा से होते हुए कानों तक पहुंचते हैं। इतना ही नहीं यह बाह्य कान के अलावा कान के अंदरूनी कैनाल को भी प्रभावित करने का काम करते हैं। जब इस कैंसर का विस्तार होता है और जब यह कान के हिस्सों तक पहुंचने लगता है तो कान में बहुत ज्यादा दर्द होना शुरू हो जाता है। कान में ट्यूमर के विकास से सुनने की क्षमता पर भी काफी काफी ज्यादा असर पड़ने लगता है जिसकी वजह से