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बरसात में हुई जरा सी लापरवाही बना सकती है इन 5 संक्रमण का शिकार, हो सकते हैं जानलेवा

बरसात में हुई जरा सी लापरवाही बना सकती है इन 5 संक्रमण का शिकार, हो सकते हैं जानलेवा
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इस साल मानसून के साथ ही कोरोनोवायरस भी चरम पर है। एक ओर जहां मानसून के मौसम में कई तरह के संक्रमण होने का खतरा रहता है वहीं वर्तमान में कोरोना मामलों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। बरसात के मौसम में साफ सफाई के अभाव और गंदगी के संपर्क में आने से व्यक्ति कई तरह के संक्रमण का शिकार हो सकता है। आज हम आपको 5 ऐसे मुख्य संक्रमण बता रहे हैं जिनके होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है।

Written by Rashmi Upadhyay |Updated : August 5, 2020 5:01 PM IST

इस साल मानसून के साथ ही कोरोनोवायरस भी चरम पर है। एक ओर जहां मानसून के मौसम में कई तरह के संक्रमण होने का खतरा रहता है वहीं वर्तमान में कोरोना मामलों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। बरसात के मौसम में साफ सफाई के अभाव और गंदगी के संपर्क में आने से व्यक्ति कई तरह के संक्रमण का शिकार हो सकता है। आज हम आपको 5 ऐसे मुख्य संक्रमण बता रहे हैं जिनके होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है।

डेंगू

इस मौसम में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियां बहुत आम हो जाती हैं। भारी बारिश से जल जमाव हो जाता है, जो मच्छरों के प्रजनन में तेजी से काम करता है। जिससे डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां जन्म लेती हैं। ऐसी बीमारियों को रोकने के लिए, बारिश के पानी को अपने आस-पास कहीं भी इकट्ठा न होने दें। मच्छरों से बचने के लिए फुल स्लीव्स के कपड़े पहनने और गंदगी में जाने से बचें।

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डायरिया

मानसून के मौसम में संक्रमण फैलाने में दूषि​त खाद्य पदार्थ काफी हद तक जिम्मेदार होते हैं। यदि मानसून में सड़क किनारे दूषित फूड का सेवन किया जाए तो पेट संबंधी कई रोग होने का खतरा रहता है जिसमें डायरिया सबसे प्रमुख है। इससे बचाव का सबसे अच्छा तरीका है कि बाहर के भोजन के बजाय घर का बना खाना चुनें और खाने में किसी भी फंगस या कीड़े दिखने पर उसे तुरंत फेंक दें। खाना पकाने से पहले गर्म पानी में सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धोएं फिर उनका सेवन करें।

कोल्ड और फ्लू

इस मौसम में सबसे आम वायरल बीमारियों में से एक है सर्दी और फ्लू। चाहे आप अपनी कितनी भी देखभाल कर लो लेकिन इस संक्रमण से बचना मुश्किल होता है। लेकिन हां, जिन लोगों की इम्युनिटी मजबूत होती है उन्हें कोल्ड और फ्लू होने का संक्रमण कम रहता है। जो लोग जल्दी संक्रमण का शिकार हो जाते हैं उन्हें इस मौसम में ठंडे पानी से बचना चाहिए और हल्का गर्म पानी पीना चाहिए। साथ ही ऐसे लोगों के सीधे संपर्क में न आएं, जिन्हें जुकाम या फ्लू है। यदि परिवार के किसी सदस्य को फ्लू हो गया है तो उसका तौलिया, कपड़े और पर्सनल चीजों के संपर्क में आने से बचें।

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कॉलरा (हैजा)

यह एक संक्रामक बीमारी है। इस संक्रमण के होने पर मरीज को उल्टी-दस्त से जूझना पड़ता है। यह संक्रमण पानी में पैदा होता है। जब शरीर में पानी और पोषण की कमी हो जाती है जब भी कॉलरा होने का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए खुद को हाइड्रेट रखें और हेल्दी फूड खाएं। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह संक्रमण जानलेवा भी हो सकता है।

टॉयफाइड

टॉयफाइड भी पानी से पैदा होने वाली बीमारी है जिसका खतरा मानसून में दोगुना हो जाता है। इस संक्रमण के फैलने का एक मुख्य कारण गंदगी भी है। उल्टी, बुखार, कमजोरी, सिर में दर्द और लिवर में गड़बड़ी इस रोग के मुख्य लक्षण हैं। इससे बचाव के लिए यह जरूरी है कि साफ पानी पींए और अपने आसपास सफाई रखें।