दुनिया भर में अवसाद या डिप्रेशन (Depression) एक आम बीमारी है, जिसके 264 मिलियन (26 करोड़ 40 लाख) से अधिक लोग प्रभावित हैं। असल में डिप्रेशन सामान्य मनोदशा के उतार-चढ़ाव और मूड स्विंग से अलग है। यही कारण है कि, हर साल लाखों लोग आत्महत्या या सुसाइड कर लेते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, हर साल लगभग 800000 लोग आत्महत्या करते हैं। जो कि 15-29 वर्षीय बच्चों में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। यही नहीं आंकड़ों के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाएं अवसाद से ज्यादा प्रभावित होती हैं।
दरअसल, आजकल के दौर में हर कोई अपनी भागदौड़ भरी जिन्दगी से परेशान है। हर कोई किसी ना किसी तनाव या स्ट्रेस से जूझ रहा है। जिसका असर सीधा हमारे दिमाग पर पड़ता है। जिससे इंसान के दिमाग में कई तरह के विकार भी पनपने लगते है। मन हमेशा अशांत और अस्थिर रहता है। तनाव धीरे-धीरे इंसान को खोखला करता चला जाता है।
डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी है। डिप्रेशन की तुलना में क्लिनिकल डिप्रेशन एक गंभीर अवस्था है। अगर आप कभी-कभी खुद को बेहद अकेला, उदास या खुद को किसी से कम महसूस करते हैं, तो आप डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। डिप्रेशन के निदान के लिए इससे जुड़े लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है। वरना धीरे-धीरे आप ऐसी स्थिति में चले जाएंगे जिससे निकल पाना बेहद मुश्किल हो सकता है।
आमतौर पर अधिकांश लोग डिप्रेशन के प्रकारों से अनजान होते हैं। तो जानिए डिप्रेशन के कितने प्रकार होते हैं?
इस तरह के डिप्रेशन के शुरूआती दौर में आपको काम करने की क्षमता, नींद, पढ़ाई, भोजन या किसी भी पार्टी में शामिल होने में बाधा डाल सकता है। हर किसी के जीवन में एक बार ऐसा दौर जरुर आता है जब वो मेजर डिप्रेशन से गुजरता है।
एक अन्य प्रकार का डिप्रेशन बाइपोलर या मैनिक-डिप्रेसिव विकार है। यह पुरुषों और महिलाओं में समान रूप से होता है, जबकि 83 प्रतिशत मामलों को गंभीर माना जाता है।
अगर आपको किसी भी तरह का तनाव या चिंता एक साल से ज्यादा से है तो, ये डिप्रेशन का काफी गम्भीर चरण होता है, जिसमें संभलना बेहद जरूरी है।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को उनके प्रसव को लेकर कई चिंता सताती है, जिससे तनाव होना आम है। ऐसे समय में महिला के साथ परिवार का सपोर्ट होना आवश्यक है।
इस तरह का डिप्रेशन सीजन यानि की मौसम के साथ होता है। आम तौर पर इस तरह का डिप्रेशन सर्दियों के मौसम के साथ शुरू होता है और वसंत और गर्मियों के मौसम आने तक खत्म भी हो जाते हैं।
इस तरह का डिप्रेशन काफी गम्भीर होता है। इससे इंसान को गलत भ्रम रहता है। आप अक्सर उन्हीं चीजों को देखते हैं, जिससे आपका तनाव बढ़ता है।
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