• हिंदी

ब्रेस्ट में कैंसर या गांठ का पता लगाने के लिए कौन सी जांच होती हैं? एक्सपर्ट से जानें सभी डिटेल्स

ब्रेस्ट में कैंसर या गांठ का पता लगाने के लिए कौन सी जांच होती हैं? एक्सपर्ट से जानें सभी डिटेल्स

एक्सपर्ट्स के अनुसार, कैंसर का पता अगर प्रारंभिक स्टेज पर ही चल जाए तो इसके इलाज में आसानी होती है और कैंसर को घातक बनने से  रोकना भी  संभव हो सकता है।

Written by Sadhna Tiwari |Updated : July 4, 2022 3:27 PM IST

Tests To Diagnose Breast Cancer: ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी दुनियाभर में महिलाओं को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है । भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की संख्या भी बहुत अधिक है।  ब्रेस्ट कैंसर के पीड़ितों की बात करें तो अब ना केवल मिडिल एज महिलाओं बल्कि, कम उम्र की लड़कियों में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले देखे जा रहे हैं। इसीलिए, महिलाओं को खुद का ध्यान रखने और नियमित ब्रेस्ट की जांच करने की सलाह दी जाती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, कैंसर का पता अगर प्रारंभिक स्टेज पर ही चल जाए तो इसके इलाज में आसानी होती है और कैंसर को घातक बनने से  रोकना भी  संभव हो सकता है। ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के टेस्ट और समय पर इसकी पहचाव करने के तरीकों के बारे में जानकारी दी सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. अनादि पचौरी (Dr. Anadi  Pachaury, Consultant - Surgical Oncologist, HCMCT Manipal Hospital, Dwarka, Gurugram) ने, जिन्होंने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर की जांच करने के लिए महिलाएं खुद क्या कर सकती हैं और कब उन्हें डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। यहां पढ़ें विस्तार से-

ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए किस तरह के टेस्ट किए जाते हैं?

डॉ. अनादि पचौरी कहते हैं कि ब्रेस्ट कैंसरया गांठ का का पता लगाने के लिए क्लिनिकल जांच कराना ही सबसे अच्छा तरीका है। इसके अलावा महिलाएं नहाते समय या सोते समय नियमित जांच कर सकती हैं और इस बात का पता लगा सकती हैं कि ब्रेस्ट में किसी प्रकार की गांठ तो नहीं है। अगर ब्रेस्ट में कोई गांठ दिखायी दे तो उसे किसी कैंसर विशेषज्ञ से सम्पर्क कर सकती हैं।  डॉक्टर महिला की जांच करने के बाद उसकी उम्र के अनुसार, कुछ विशेष मेडिकल टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। डॉ. अनादि पचौरी बताते हैं कि 20-25 वर्ष जैसी छोटी उम्र की लड़कियों को अल्ट्रासाउंड टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है, जबकि, 45 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं को मैमोग्राफी कराने की सलाह दी जाती है। इन टेस्ट्स के परिणाम के आधार पर यह समझने की कोशिश की जाती है कि ब्रेस्ट में गांठ से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना कितनी हो सकती है।

कोई सामान्य लडकी कैसे समझ सकती है कि उसे शरीर में ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क है?

डॉक्टर पचौरी  के अनुसार, उन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतराअधिक होता जिनकी परिवार में किसी महिला को पहले ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है। इसीलिए, जब किसी महिला को ब्रेस्ट में किसी प्रकार की गांठ का पता चलता है तो उसे किसी कैंसर एक्सपर्ट  से जांच करानी चाहिए। डॉ. अनादि पचौरी यह भी कहते हैं कि महिलाओं के ब्रेस्ट में होने वाली सभी गांठें ब्रेस्ट कैंसर का संकेत नहीं होतीं जबकि अधिकांश गांठें नॉन-कैंसरस होती हैं लेकिन किसी भी तरह की गांठ का पता चलते ही डॉक्टर को इस बारे में सूचित करना सबसे अहम है।

Also Read

More News

आजकल 25-30 साल की लडकियों में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले आ रहे हैं, बचाव के लिए कौन से तरीके अपनाने चाहिए?

कम उम्र में होने वाला ब्रेस्ट कैंसर आमतौर पर अनुवांशिकी (genetics) के कारण ही होता है। ऐसी महिलाएं जिनकी दादी-नानी, मां-मौसी या बुआ या बहन को ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बहुत अधिक होता है। यह कहना है डॉ. पचौरी का जिनके अनुसार,किसी दुर्घटना या सदमे की वजह से ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता। वहीं, कुछ लोगों का यह भी मानना है कि डियोडरेंट जैसे उत्पादों का इस्तेमाल करने से भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। लेकिन, यह सब बातें गलत हैं और लोगों को इन मिथकों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

डॉ. पचौरी कहते हैं कि, 30-40 साल की महिलाओं में  ब्रेस्ट कैंसर बाहरी कारणों से हो सकते हैं। इन महिलाओं में कुछ जेनेटिक डिसॉर्डर्स के अलावा डायबिटीज, हाइपरटेंशन, मोटापा और हार्मोन्स से जुड़ी गड़बड़ियों के के कारणों ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है और ये स्थितियां ब्रेस्ट कैंसर का कारण भी बन सकती हैं। लेकिन, कम उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर पूरी तरह से उनकी अनुवांशिकी या जेनेटिक्स पर निर्भर करती है।