क्षय रोग, तपेदिक या टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) एक संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी के होने पर रोगी का शरीर कमजोर हो जाता है। वजन कम होने लगता है और हमेशा थकान महसूस होती है। खांसी व तेज बुखार भी होता है। तपेदिक का प्रभाव रोगी के फेफड़ों, हडि्डयों, ग्रंथियों तथा आंतों में कहीं भी देखने को मिल सकता है। इसके बैक्टीरिया इतने सूक्ष्म होते हैं कि एक्स-रे के जरिए ही उनकी पहचान की जा सकती है। टैटू बनवाने से पहले जान लें इससे होने वाले नुकसान
टीबी के लक्षण
इसके लक्षणों में दो सप्ताह से ज्यादा खांसी आना, बुखार, थकान, वजन कम होना, पसीना आना, भूख में कमी, सांस लेने में परेशानी आदि शामिल हैं। ये लक्षण नजर आएं तो बिना देर किए डॉक्टर से जरूर मिलें। मेडिकल ट्रीटमेंट के अलावा आप टीबी का घरेलू उपचार भी कर सकते हैं। हालांकि, कोई भी घरलू उपचार तब तक काम करते हैं जब तक कि आप परहेज और नियमित तौर पर बताई गई घरेलू दवाई लेते रहें। साथ ही डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का भी नियमित सेवन करें।
घरेलू उपचार से करें टीबी को कंट्रोल
- लहसुन का सेवन करें। इससे टीबी के बैक्टीरिया का नाश होता है। लहसुन में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। इसे कच्चा या पका कर खाएं। चाहें, तो 5-10 लहुसन की कलियों को एक कप दूध में उबाल लें। फिर उबली हुई कलियों को चबाकर खा लें और फिर दूध पी जाएं। दांत रहेंगे स्वस्थ और मजबूत, जब खाएंगे ये 6 सुपरफूड्स
- केले में काफी मात्रा में कैल्शियम मौजूद होता है, जो टीबी के रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। इससे कफ और बुखार कम होता है। रोगी को 1 गिलास कच्चे केले का जूस पिलाने से लाभ होता है।
- सहजन में टीबी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को दूर करने के गुण होते हैं। यह फेफड़ों के सूजन को कम करता है। संक्रमण से राहत दिलाता है। सहजन की मुठ्ठीभर पत्तियों को 1 कप पानी में 5 मिनट के लिए गर्म करें। जब यह ठंडा हो जाए, तो इसमें नमक, मिर्च और नींबू निचोड़ कर पीड़ित व्यक्ति को पीने के लिए दें। इसे सुबह खाली पेट पिलाने से ज्यादा फायदा होगा।
[caption id="attachment_630550" align="alignnone" width="655"]- इन दिनों आंवला मार्केट में उपलब्ध है। यदि आपके घर में किसी को तपेदिक की समस्या है, तो इसका जूस निकाल कर उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं। रोजाना खाली पेट पिलाने से यह बीमारी दूर होती है। बच्चों की कफ-खांसी को न करें नजरअंदाज, हो सकती है क्रूप डिजीज
- संतरा के एक गिलास जूस में एक चुटकी नमक और एक चम्मच शहद मिक्स करके दिन में दो बार पिएं।
- काली मिर्च फेफड़े की सफाई करती है। टीबी की वजह से होने वाले दर्द को दूर करती है। 10 काली मिर्च के दाने को घी में फ्राई करें। फिर उसमें एक चुटकी हींग पाउडर डालकर मिक्स करें। इस मिश्रण को 3 भाग में बांटें और प्रत्येक भाग को हर एक घंटे में चबाएं।
- पुदीना में एंटी बैक्टीरियल गुण होता है जो कफ से निजात दिलाता है। यह फेफड़े को खराब होने से बचाता है। आधा कप गाजर के जूस में 1 चम्मच पुदीने का रस, 2 चम्मच शहद और 2 चम्मच शुद्ध सिरका मिलाएं। इस मिश्रण को तीन भाग में बांट लें और हर एक घंटे में पिएं।
- ग्रीन टी को पानी में अच्छी तरह से उबाल कर पिएं। टीबी जिस बैक्टीरिया के कारण होता है, उसका यह नाश करता है। साथ ही यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमताओं को बढ़ाती भी है।
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