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रिप्रोडक्टिव ऑर्गंस या प्रजनन अंग में किसी भी तरह की कोई समस्या आने पर आप संतानोत्पत्ति से वंचित रह सकते हैं। ऐसे में प्रजनन अंग स्वस्थ रहें, सही तरीके से अपना कार्य करें, इसके लिए आपको योग का सहारा लेना चाहिए। चूंकि, योग के जरिए हर रोग का इलाज संभव है, ऐसे में प्रजनन अंग को भी आप योग के जरिए स्वस्थ बनाए रख सकते हैं ताकि आपको मां-बाप का सुख पाने में कोई दिक्कत ना हो। पुरुष हों या महिलाएं, सुत्प वज्रासन (supta vajrasana) करने से आपका प्रजनन तंत्र (Reproductive System) हेल्दी रहता है। सुप्त वज्रासन (supta vajrasana benefits) योग की सबसे आम क्रिया है, जो महिला और पुरुषों के प्रजनन अंगों को हेल्दी (supta vajrasana boost Reproductive System) रखने में मदद करता है।
सुप्त यानी सोया हुआ और वज्र नाड़ी को कहते हैं। इस आसन को पीठ के बल लेट कर किया जाता है, इसलिए इसे सुप्त वज्रासन कहते हैं। वज्रासन और सुप्त वज्रासन (supta vajrasana) में अंतर है। सुप्त वज्रासन, वज्रासन का विस्तृत रूप है। सुप्त वज्रासन के नियमित अभ्यास से आप अपने प्रजनन अंगों को स्वस्थ और मजबूत (yoga pose to keep Reproductive System healthy) रख सकते हैं। महिलाओं में प्रसव पीड़ा कम होती है। इससे गर्भाशय नहीं लटकता है। कमर की चर्बी कम होने के साथ रीढ़ संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं।
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वज्रासन में बैठ जाएं। पैरों को खुला रखें। अब अपने दोनों हाथों से अपने टखने पकड़ें। दोनों कोहनियों को जमीन से लगाते हुए कमर भी जमीन से लगा लें। घुटनों को मिलाकर रखें। सांस भरकर दोनों हाथों से सिर की ओर दबाव बनाएं। दोनों हाथों को इंटरलॉक कर सिर के नीचे रखें। इस स्थिति में थोड़ी देर रुकें। अब टखने पकड़कर दाईं कोहनी का सहारा लेते हुए वज्रासन में आ जाएं। सुप्त वज्रासन (supta vajrasana) का अभ्यास अपनी सुविधानुसार करें। इस आसन को आप दो से तीन बार दुहराएं।
1 कमर-दर्द में करने से बचें।
2 खाना खाने के तुरंत बाद इसे ना करें।
3 दोनों हाथों के सहारे पीछे लेटने की कोशिश करें।
4. जमीन पर लेटते समय घुटने ऊपर ना उठाएं।
5 पहली बार करें, तो किसी योग गुरु से सलाह ले लें।