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Home / Hindi / Diseases & Conditions / अस्थमा के मरीज नहीं करेंगे स्टेरॉयड इनहेलर का इस्तेमाल, तो हो सकते हैं कोरोना से संक्रमित

अस्थमा के मरीज नहीं करेंगे स्टेरॉयड इनहेलर का इस्तेमाल, तो हो सकते हैं कोरोना से संक्रमित

अस्थमा पीड़ितों को अस्थमा नियंत्रित रखने के लिए स्टेरॉयड इन्हेलर्स दिए जाते हैं। अस्थमा के मरीजों को इनहेलर तब तक लेना बंद नहीं करना चाहिए, जब तक कोई मेडिकल प्रोफेशनल उनसे ऐसा करने को न कहे। स्टेरॉयड इनहेलर का प्रयोग बंद करने से मरीज को कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा हो जाता है, क्योंकि इससे अस्थमा का नियंत्रण खराब हो जाता है।

By: Anshumala   | Edited by: Anshumala   | | Updated: July 1, 2020 9:20 pm
Tags: Asthma attack  Asthma symptoms  Chronic asthma  Steroid use  
asthma-attack risk in hindi
स्टेरॉयड इनहेलर नहीं करेंगे इस्तेमाल, तो बढ़ जाएगा अस्थमा के बिगड़ने का खतरा।

कोरोना महामारी में हर किसी को अपनी सेहत का खास ध्यान देने की जरूरत है। उन लोगों को खास ध्यान देना चाहिए, जो रेस्पिरेटरी और  सांस से संबंधित समस्याओं से ग्रस्त हैं। जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है या जिन्हें अस्थमा (Asthma) है। अस्थमा बिगड़ने का मुख्य कारण सांस की नली में वायरल संक्रमण होना है। अस्थमा पीड़ितों के लिए सांस की नली में वायरल संक्रमण बहुत घातक हो सकता है। एक अनुमान के अनुसार, सामान्य या फिर गंभीर अस्थमा के मरीजों (Asthma Patient) को बीमारी के और ज्यादा गंभीर होने का खतरा ज्यादा होता है। Also Read - Bronchial Asthma: एक्‍ट्रेस काजल अग्रवाल को 5 साल की उम्र में हुआ था ब्रोन्कियल अस्‍थमा, इंस्‍टाग्राम पर की खुलकर बात

भारत में 3.7 करोड़ लोग अस्थमा से ग्रस्त

भारत में लगभग 9.3 करोड़ लोग सांस की क्रोनिक समस्या से पीड़ित हैं। इनमें से लगभग 3.7 करोड़ एस्थमेटिक हैं। अस्थमा के वैश्विक (Asthma) भार में भारत का हिस्सा केवल 11.1 प्रतिशत है, जबकि विश्व में अस्थमा से होने वाली मौतों में भारत का हिस्सा 42 प्रतिशत है, जिस वजह से भारत दुनिया की अस्थमा कैपिटल बन गया है। Also Read - Meat Side Effects: मीट के अधिक सेवन से बच्चों में बढ़ सकती है इस बीमारी के होने का खतरा, पढ़ें ये स्टडी



कोरोना महामारी में अस्थमा के मरीज रहें अधिक सतर्क

अपोलो हॉस्पिटल के कंसलटेंट स्पेशलिस्ट (चेस्ट मेडिसिन, क्रिटिकल केयर मेडिसिन एंड स्लीप मेडिसिन) डॉ. रोहित करोली के अनुसार, “अस्थमा पर सांस के वायरस का प्रभाव बहुत तेजी से होता है। ऐसे में कोरोना काल में अस्थमा पीड़ितों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत है। वायरस निर्मित समस्याओं की रोकथाम के लिए अस्थमा को अच्छी तरह से नियंत्रित करना बहुत आवश्यक है। महामारी के समय में इलाज के लिए हॉस्पिटल जाने के कारण अस्थमा मरीजों को किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने का जोखिम ज्यादा होता है। Also Read - नाइट शिफ्ट में काम करने वालों को होता है अस्थमा का ज्यादा खतरा, सावधानियां है जरूरी

स्टेरॉयड इनहेलर लेते रहें

गाजियाबाद के नरिंदर मोहन हॉस्पीटल के सीनियर कंसलटेंट (चेस्ट स्पेशलिस्ट) डॉ. मनीष त्रिपाठी के अनुसार, “अस्थमा पीड़ितों को अस्थमा नियंत्रित रखने के लिए स्टेरॉयड इनहेलर दिए जाते हैं। इन्हें तब तक कॉर्टिकोस्टेरॉयड इनहेलर लेना बंद नहीं करना चाहिए, जब तक कोई मेडिकल प्रोफेशनल ऐसा करने के लिए बोले नहीं। स्टेरॉयड इनहेलर का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे, तो कोरोना से संक्रमित (Corona infection) होने का खतरा बढ़ जाएगा, क्योंकि इससे अस्थमा का नियंत्रण खराब हो जाता है।”

अस्थमा को नियंत्रण में कैसे रखें (Ways to keep asthma under control)

अस्थमा कंट्रोल में होने पर हॉस्पिटल, क्लिनिक यहां तक की घर से बाहर जाने से भी बचें। कोई समस्या आती है या कुछ जानकारी लेनी है, तो  टेलीफोन पर डॉक्टर से बात करें। बिना योजना बनाए अस्थमेटिक मरीज क्लिनिक जाने से बचें।

सामान्य से गंभीर अस्थमा से पीड़ित लोगों को वायरल संक्रमण से बीमारी होने का खतरा बहुत अधिक रहता है। ये संक्रमण आपकी सांस की नली (नाक, गला, फेफड़ों) को प्रभावित करते हैं। इससे आपको अस्थमा का अटैक (Asthma attack) आ सकता है, जिससे निमोनिया या एक्यूट रेस्पिरेटरी डिजीज हो सकती है।

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एक्यूट लक्षणों से आराम पाने के लिए स्पेसर के साथ एमडीआई का उपयोग करें। नेबुलाइजर का उपयोग करने से बचें, क्योंकि उनमें वायरल संक्रमण फैलने का खतरा अधिक होता है। नेबुलाइजर एयरोसोल बनाते हैं, जो संक्रमित ड्रॉपलेट्स को कई मीटर तक फैला सकते हैं।

अपने पास नॉन-प्रेस्क्रिप्शन दवाइयों के 30 दिनों का स्टॉक रखें, ताकि आपको बार-बार घर से बाहर जाने की जरूरत ना पड़े।

Published : July 1, 2020 8:26 pm | Updated:July 1, 2020 9:20 pm
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