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कोरोना महामारी के दौरान ब्रेस्ट कैंसर के 50% मामलों में 35-50 वर्ष की महिलाएं शामिल, इस स्टेज में उपचार हो जाता है मुश्किल

कोरोना महामारी के दौरान ब्रेस्ट कैंसर के 50% मामलों में 35-50 वर्ष की महिलाएं शामिल, इस स्टेज में उपचार हो जाता है मुश्किल
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कोरोना महामारी के कारण हॉस्पिटल जाने के डर की वजह से ऐसी महिलाओं की संख्या बढ़ी है, जो ब्रेस्ट कैंसर के एडवांस स्टेज तक पहुंचने के बाद अस्पताल पहुंच रही हैं। विशेषज्ञ के अनुसार, स्तन कैंसर के दर्ज किए गए तकरीबन 50% मामलों में महिलाओं की उम्र 35 से 50 वर्ष है।

Written by Anshumala |Updated : October 27, 2021 5:34 PM IST

Breast Cancer Awareness Month 2021: 1 से 31 अक्टूबर तक 'ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ' के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। हर बार इसके लिए एक खास थीम चुनी जाती है। इस वर्ष की थीम है 'राइज: रैली इन सपोर्टिंग, सर्विंग एंड स्क्रीनिंग एवरीवन' (RISE: Rally In Supporting, Serving and Screening Everyone)। इस थीम का उद्देश्य ये है कि महिलाएं मैमोग्राम स्क्रीनिंग के लिए जाएं और अपने परिवार, दोस्तों के सपोर्ट से ब्रेस्ट कैंसर के प्रति लोगों के अंदर मौजूद डर, चिंता और अनिश्चितता को दूर कर उन्हें जागरूक करें। स्तन कैंसर (Breast cancer) महिलाओं में होने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है। महिलाओं में होने वाले सभी प्रकार के कैंसर के 30 फीसदी मामले स्तन कैंसर के ही होते हैं। जागरूकता एवं निदान में हिचक के कारण प्रत्येक 20 में से 1 महिला में स्तन कैंसर का निदान (Diagnosis of Breast cancer) किया जाता है। स्तन कैंसर (Breast cancer in women) के बारे में जागरूकता की कमी तथा जल्दी निदान एवं उपचार न होने के कारण 35 से 50 वर्ष की उम्र वाली महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। जागरूकता की कमी के कारण ब्रेस्ट कैंसर के अधिकतर मामलों का निदान एडवांस स्टेज में पहुंचने पर ही हो पाता है। इस अवस्था में जहां उपचार मुश्किल हो जाता है, वहीं दूसरी तरफ मरीज के लिए भी शारीरिक एवं भावनात्मक चुनौतियां बढ़ जाती हैं।

पिछले कुछ समय से लोग कोरोना महामारी के कारण अस्पताल जाने से हिचक रहे हैं, जिसके कारण स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाएं अपने लक्ष्णों (Breast cancer symptoms) की अनदेखी करती रहती हैं। जब तक हॉस्पिटल पहुंचती है, तब तक रोग एडवांस स्टेज तक पहुंच चुका होता है। ऐसे में इन मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

35-50 वर्ष की उम्र में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में 50% बढ़ोतरी

इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स (नई दिल्ली) के सीनियर कन्सलटेन्ट, सर्जिकल ओंकोलॉजिस्ट डॉ. रमेश सरीन ने कहा, 'पिछले तीन सालों के दौरान के रिकॉर्ड्स देखें, तो 35 से 50 वर्ष की उम्र में स्तन कैंसर के मामलों में 50 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। हमारे हॉस्पिटल के आंकड़ों में पाया गया है कि 53 फीसदी मामले कैंसर के शुरुआती अवस्था के हैं। 47 फीसदी मामले अडवांस स्टेज में हैं, 20 फीसदी मामले स्टेज 4 और 27 फीसदी स्टेज 3 में हैं। अगर शुरुआती अवस्था में रोग का निदान (Breast Cancer Treatment) हो जाए, तो एडवांस स्टेज की तुलना में मरीज के ठीक होने और जीवित रहने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।

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हमारे आंकड़ों की बात करें, तो स्टेज 1 और 2 में निदान की जाने वाली 90 % महिलाएं 10 साल से अधिक जीवित रहती हैं, जबकि स्टेज 3 में पहुंचने के बाद यह संख्या मात्र 30 % और स्टेज 4 में मात्र 5 % हो जाती है। हम इस संख्या को 70-80 % तक पहुंचाना चाहते हैं। हमें ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को स्तन कैंसर के लक्षणों (Breast cancer symptoms in Hindi) के बारे में जागरूक बनाना होगा, ताकि समय पर निदान कर उन्हें उचित उपचार दिया जा सके।

स्तन कैंसर बढ़ने के कारण (Reasons for increasing breast cancer cases)

कई कारणों से कम उम्र की महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, जैसे आनुवंशिक कारण, परिवार में स्तन कैंसर या ओवेरियन कैंसर का इतिहास। जीवनशैली से जुड़े कुछ कारण जैसे शारीरिक व्यायाम की कमी, मोटापा और धूम्रपान। इसके अलावा बहुत अधिक मात्रा में एल्कोहल और गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से भी कम उम्र की महिलाओं में स्तन कैंसर (Breast cancer) की संभावना बढ़ती है। ऐसे में महिलाओं को सलाह दी जाती है कि अपने लक्षणों पर ध्यान दें, गतिहीन जीवनशैली से बचें, व्यायाम करें और स्तनों में गांठ, डिस्चार्ज या रंग बदलने जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत अपनी जांच कराएं।’

समय पर निदान होने पर जल्दी इलाज शुरू किया जा सकता है। जल्दी निदान के मामलों में कीमोथेरेपी की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे स्तन, बाल खोने या गंभीर लक्षणों की संभावना कम हो जाती है। स्तन कैंसर से बचना है, तो वजन रखें कंट्रोल, सही आहार एवं व्यायाम करें, नियमित जांच कराएं, मैमोग्राम के द्वारा स्तनों की स्क्रीनिंग आदि के बारे में जागरूकता बढ़ाना बहुत जरूरी हैं।