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Smoking and Covid-19: स्मोकिंग करने वाले हो जाएं सावधान! कोरोना से संक्रमित होना का है आपको अधिक खतरा

Smoking and Covid-19: स्मोकिंग करने वाले हो जाएं सावधान! कोरोना से संक्रमित होना का है आपको अधिक खतरा
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Smoking and Covid-19: जो लोग स्मोकिंग करते हैं, उनके फेफड़े पहले से ही बीमार और कमजोर होते हैं, ऐसे में उन्हें कोविड-19 से संक्रमित (COVID-19 infection) होने का अधिक खतरा रहता है।

Written by Anshumala |Published : April 20, 2020 9:40 PM IST

यदि आप धूमप्रान करते हैं, तो अपनी इस आदत को छोड़ दें वरना कोरोनावायरस (Novel CoronaVirus) आपको अपना शिकार बना सकता है। स्मोकिंग और कोविड-19 (Smoking and Covid-19) पर डब्लूएचओ ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। डब्ल्यूएचओ (WHO) का कहना है कि धूम्रपान करने वालों में नोवेल कोरोनोवायरस (Novel CoronaVirus) हाथ से मुंह के जरिए फैलने का खतरा रहता है। जब आप सिगरेट को अपनी दूषित उंगलियों से पकडते हैं और स्मोक करने के लिए होठों पर लगाते हैं, तो कोरोनावायरस संभवतः होठों के जरिए आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है। जो लोग स्मोकिंग करते हैं, उनके फेफड़े पहले से ही बीमार और कमजोर होते हैं, ऐसे में उन्हें कोविड-19 से संक्रमित(COVID-19 infection) होने का अधिक खतरा रहता है।

हुक्का, सिगार, ई-सिगरेट से भी कोरोना की चपेट में आने का रिस्क काफी हद तक रहता है, क्योंकि अक्सर लोग इसे धूम्रपान करने के लिए एक-दूसरे के साथ शेयर करते हैं। कई सबूत इस तथ्य की ओर इशारा करते हैं कि धूम्रपान करने वालों में कोविड-19 के गंभीर लक्षण विकसित होने के अधिक चांसेज होते हैं, जिसके कारण मृत्यु होना का खतरा बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी बाकायदा दिशा-निर्देश जारी कर धूम्रपान से कोरोना की जद में आने के खतरे के बारे में सचेत कर चुका है।

किस तरह से स्मोकर्स को प्रभावित करता है कोरोना

कोविड-19 (COVID-19 infection) संक्रमण शरीर में मौजूद कोशिकाओं के सरफेस जिसे एसीई 2 (ACE2) रिसेप्टर कहते हैं, वहां से हमला करने की शुरुआत करता है। एसीई 2 (angiotensin converting enzyme 2) रिसेप्टर एक प्रोटीन है। यह रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट सहित पूरे शरीर में हमारी कोशिकाओं की सतह पर मौजूद रहता है। नोवेल कोरोनावायरस (Novel coronavirus) अपना प्रसार कई गुना बढ़ने के लिए इसी प्रोटीन पर निर्भर रहता है। प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि सिगरेट के धुएं से फेफड़ों में एसीई 2 रिसेप्टर्स की संख्या बढ़ जाती है। इसी वजह से स्मोकिंग आपको कोविड-19 संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है।

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धूम्रपान से कर लें तौबा

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू), लखनऊ की कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि कोरोनावायरस के संक्रमण की चपेट में आने से बचना है, तो धूम्रपान से तौबा करने में ही भलाई है। बीड़ी-सिगरेट संक्रमित हो सकते हैं और उंगलियों व होंठों के संपर्क में आकर वह आसानी से संक्रमण फैला सकते हैं।इन उत्पादों का सेवन कर इधर-उधर थूकने से भी संक्रमण का खतरा है, इसलिए सरकार ने खुले में थूकने पर भी रोक लगा रखी है।

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स्मोकिंग से इम्यूनिटी होती है कमजोर

डॉ. सूर्यकान्त के अनुसार, "धूम्रपान से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) कमजोर हो जाती है, जिसके चलते कोरोना जैसे वायरस आसानी से ऐसे लोगों को अपनी चपेट में ले सकते हैं। इसके अलावा बीमारी की चपेट में आने पर ऐसे लोगों के इलाज पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।" यही कारण है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में इसका प्रयोग करने वालों को कोरोना का खतरा (Smoking and Covid-19) कई गुना अधिक है। इसके अलावा, धूम्रपान से श्वसन प्रणाली, सांस की नली और फेफड़ों को भारी नुकसान पहुंचता है। यही कारण है कि फेफड़ों की कोशिकाएं कमजोर होने से संक्रमण से लड़ने की क्षमता अपने आप कम हो जाती है।"

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