इंसान की शरीर में सभी तरह के पोषक तत्व अपनी मात्रा के हिसाब से अगर कम होने लगते हैं तो उसका असर कुछ लक्षणों के माध्यम से दिखता है। शरीर में दो तरह के पोषक तत्व होते हैं एक तो मिनरल और एक विटामिन। मैग्नीशियम मिनरल शरीर में जब कम हो जाता है तो हार्ट के काम करने की क्षमता पर असर होता है। मैंग्नीशियम मिनरल के कम होने से शरीर में प्रोटीन और ऊर्जा के लेवल पर भी प्रभाव पड़ता है।
जब शरीर में मैग्नीशियम कम होता है तो ये 5 लक्षण दिखने लगते हैं। अगर आपको भी इन लक्षणों का सामना करना पड़ रहा है तो इनको कभी भी इग्नोर न करें।
थकान का अनुभव
मैग्नीशियम की कमी से आपको एनर्जी की कमी महसूस होगी। आपको आराम करने के बाद भी थकावट लगती रहेगी। अगर ज्यादा काम न करने से भी आपको इस तरह का लक्षण दिखाई देता है तो आपको अपने मैग्नीशियम लेवल की अवश्य जांच करानी चाहिए।
शरीर के नशों में खिंचाव
अगर आपको बार-बार मांसपेशियों या नशों में खिंचाव का अनुभव होता है तो यह मैग्नीशियम के लेवल की कमी हो सकती है। मैग्नीशियम आपके मसल्स के फंक्शन का नियंत्रण करता है। मसल्स का बढ़ना, सिकुड़ना और उन्हें आराम देने को नियंत्रित करता है। मैग्नीशियम की कमी से आपको पैरों की नसों में खिंचाव और मुड़ने की समस्या हो सकती है।
सिर में दर्द का रहना
बार-बार होने वाले सिरदर्द भी मैग्नीशियम की कमी हो सकती है। मैग्नीशियम की कमी से आपके शरीर में सेरोटोनिन का बनना कम हो जाता है। इससे दिमाग को सही मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता। जब सही से ब्लड का संचार नहीं होता तो सिर में दर्द होने लगता है।
नींद का कम आना
कई बार लोगों में देखा गया है कि आराम और थकान होने के बावजूद नींद नहीं आती है। मैग्नीशियम की कमी से आपको कम नींद आने लगती है। मैग्नीशियम की कमी से स्ट्रेस हो सकता है, दिल की धड़कने बढ़ सकती है और आपको सोने में मुश्किल आ सकती है।
कब्ज और पाचन में समस्या
अक्सर लोगों को यह पता होता है कि डायट में फाइबर की मात्रा होने पर कब्ज की समस्या नहीं होती है। लेकिन अगर पर्याप्त फाइबर के बाद भी कब्ज की समस्या हो रही है तो यह मैग्नीशियम की कमी से भी हो सकता है। पाचन की अधिकतर दवाओं में मैग्नीशियम इसीलिए होता है क्योंकि यह पाचन का सबसे अहम मिनरल है।
चित्रस्रोत: Shutterstock.
Follow us on