कभी-कभी सीटी जैसी, घुरघुराती, घबराहटभरी और हांफती हुई आवाज़ 28-वर्षीय पीएचडी छात्रा, रितु के लिए एक सामान्य से बात थी। लेकिन उसने बहुत समय तक इस तरफ ध्यान नहीं दिया, और एक दिन उसे अंदाज़ा हुआ कि यह समस्या छोटी नहीं हैं। "रितु कभी भी ऐसी नहीं थी जो शांत और अच्छी नींद ले सकते हों, लेकिन एक बार उसके पास सोते हुए मुझे एहसास हुआ कि उसे सिर्फ खर्राटों की ही समस्या नहीं है। बल्कि उसे बार-बार सांस लेने में तकलीफ होती है, फिर वह ज़ोर से घुरघुराने लगी, जिसकी वजह से वह बार-बार जाग उठती थी और मुझे सारी रात जागना पड़ा", यह कहना है रितु की बहन का।
दरअसल रितु एक सामान्य नींद से जुड़े विकार, ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया (obstructive sleep apnea-OSA) से पीड़ित थी, जो सेहत के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है। अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। ओएसए में, वायुमार्ग इतने बाधित हो जाते हैं कि सांस लेने में मुश्किल होने लगती है और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। यह बार-बार होता है और लंबे समय तक यह समस्या बनी रहने से शरीर से प्रतिक्रिया होती है। जो अक्सर हाई ब्लड प्रेशर, दिल का दौरा, स्ट्रोक या मोटापे जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती है। पल्मोनोलॉजिस्ट, और सैंस फाउंडेशन, नई दिल्ली के संस्थापक, डॉ. पीपी बोस बता रहे हैं स्लीप एप्निया, इसके खतरे और इसका इलाज नहीं करने पर होने वाले नुकसान के बारे में।
स्लीप एप्निया सबसे दुर्लक्षित स्वास्थ्य स्थितियों में से एक है। जहां कई लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है। वहीं दूसरी तरफ, जिन्हें उनकी नींद से जुड़ी इस गड़बड़ी के बारे में जानकारी होती है, वे आमतौर पर स्लीप एप्निया के गंभीर परिणामों के बारे में नहीं जानते। एम्स द्वारा 2009 में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, भारतीय आबादी में 13% लोगों को ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया है, जिसमें से केवल 4% ने ही किसी चिकित्सक द्वारा इसकी जांच करायी। यही नहीं, यह समस्या महिलाओं की तुलना में पुरुषों में 3 गुणा अधिक देखी जाती है।
यह बात दिन ब दिन साबित होती जा रही है कि स्लीप एप्निया किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। ओएसए की वजह से हार्ट रेट बढ़ जाती है और यह हाई बीपी का कारण बनता है, जो अंततः दिल पर दबाव बढ़ाता है। इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि स्लीप एप्निया में अक्सर रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। ऑक्सीजन नर्वस सिस्टम के विशिष्ट भाग को सक्रिय करती है और हृदय का बेहतर काम करने में मदद करता है। इसके अलावा, ओएसए हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ का भी कारण कहा जाता है, जिससे आपके लिए फेफड़े, हृदय और मस्तिष्क से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के उच्च जोखिम में डाल सकता है। नेशनल कमिशन ऑफ स्लीप डिसऑर्डर्स रिसर्च के मुताबिक, हृदय संबंधी समस्याओं के कारण हर वर्ष लगभग 38,000 मौतें होती हैं, और इन लोगों को किसी न किसी तरीके से स्लीप एप्निया की समस्या थी।
सांस में तकलीफ के साथ खर्राटों की समस्या को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता क्योंकि यह गंभीर विकार, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) का संकेत हो सकता है। इसका इलाज नहीं करने से ओएसए गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों का कारण बन सकता है जो कई बार मौत का भी कारण हो सकता है। जिन लोगों ने इस स्थिति को नियंत्रित नहीं किया, उनमें स्ट्रोक का जोखिम 4 गुना अधिक अधिक देखा गया और दिल की बीमारी होने खतरा बाकी लोगों की तुलना में 3 गुना ज्यादा होता है। यह डायबिटीज, मेटाबोलिक सिंड्रोम, वजन बढ़ने, कार्डीएक अरिद्मीअ (cardiac arrhythmias), दिल का दौरा, हार्ट फेल्योर, स्मृति हानि, समय से पहले उम्र बढ़ने और यहां तक कि अचानक मौत जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों के साथ जुड़ा हुआ है।
स्लीप एप्निया का एक और ख़तरनाक पहलु सड़क संबंधित सुरक्षा भी है। नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, एप्निया जुड़े अनिद्रा और ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता, हर साल, 100,000 कार दुर्घटनाएं, 40,000 चोटें, और 1,550 लोगों की मौत नींद के कारण हुई। इनके कारण छोटी-मोटी चोटें, काम करने में परेशानी, जीवन की गुणवत्ता में कमी जैसी तकलीफें और दवाइयों और देखभाल का एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ जाता है। स्लीप एप्निया होने पर सही समय पर जांच और उपचार की मदद से इलाज का खर्च कम किया जा सकता है।
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अनुवादक-Sadhana Tiwari
चित्रस्रोत-Shutterstock
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