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भारत में महिलाओं मेनोपॉज की उम्र 47 से 50 के बीच है। हालांकि कुछ महिलाएं 40 या उससे पहले भी इसका सामना करती हैं। इसका मतलब यह है कि उस महिला को बहुत जल्दी ही इनफर्टिलिटी का सामना करना पड़ सकता है और एस्ट्रोजन का प्रोडक्शन भी बंद हो जाएगा। मुंबई स्थित वर्ल्ड ऑफ वुमन में कंसल्टेंट गाइनोकोलोजिस्ट डॉक्टर बंदिता सिन्हा बता रही हैं कि महिलाओं को उम्र से पहले मेनोपॉज का सामना किन-किन कारणों से करना पड़ सकता है।
1) जेनेटिक
कई बार ऐसा जेनेटिक भी होता है। यानि यह समस्या मां से बेटी को हो सकती है। इसलिए अगर आपको ओअता है कि आपकी मां को यह उम्र से पहले हुआ था तो आपको अपने लिए डॉक्टर से मिलना चाहिए।
2) मेडिकल कंडीशन
कैंसर से पीड़ित महिला जो कीमोथेरेपी ले रही है को भी जल्दी मेनोपॉज हो सकता है। क्योंकि इससे उनका अंडाशय सिकुड़ सकता है।
3) ऑटोइम्यून डिजीज
रूमटॉइड आर्थराइटिस और थायरोइड आदि के कारण भी इम्यून सिस्टम ऑर्गन पर हमला करता है जिससे इन्फ्लेमेशन हो सकता है। इस इन्फ्लेमेशन से ओवरी को नुकसान होता है।
4) क्रोमोज़ोमल डिफेक्ट
टर्नर सिंड्रोम से भी आपको यह समस्या जल्दी हो सकती है क्योंकि इनकम्पलीट सेक्स के कारण ओवरी सही तरह से काम नहीं करती है। ऐसा गोंडाल डिज़ेंनेसिस के कारण भी हो सकता है। इसमें एक ऐसी ओवरी का विकास हो जाता है जो पूरी तरह से गठित नहीं होती है।
5) मिर्गी
ऐसी महिलाओं को ओवेरियन फेलियर जल्दी हो सकता है जिससे मेनोपॉज हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, इससे महिला को 39 साल की उम्र ही मेनोपॉज का खतरा होता है।
6) लाइफस्टाइल फैक्टर्स
मोटापा, पीसीओडी, स्मोकिंग, कम बीएमआई आदि से भी ओवरी का कामकाज प्रभावित होता है और हार्मोनल परिवर्तन को बदलते हैं जिससे समय से पहले मेनोपॉज का खतरा होता है।
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अनुवादक – Usman Khan
चित्र स्रोत - Shutterstock
सन्दर्भ- 1]1: Klein P, Serje A, Pezzullo JC. Premature ovarian failure in women with epilepsy. Epilepsia. 2001 Dec;42(12):1584-9. PubMed PMID: 11879371.