Period Cramps: पीरियड्स में शुरू के 2 दिनों में क्यों होता है ज्यादा दर्द? जानिए मेडिकल कारण और बचाव के तरीके
महिलाओं को पीरियड्स के शुरू के 2 दिनों में पेट में दर्द, थकान, उल्टी होना, सिर में दर्द और जांघों के आसपास दर्द और तनाव होता है, इन्हें मेडिकल भाषा में मेंस्ट्रुअल क्रैम्प (Menstrual cramps) कहते हैं। रिसर्च बताती है कि 10 में से 9 महिलाओं इस तरह का अनुभव करती हैं।
Written by Rashmi Upadhyay|Updated : January 14, 2021 11:36 AM IST
जब भी किस महिला के पीरियड्स (Period Cramps) आने वाले होते हैं तो उसे शुरू के 2 दिनों की बहुत टेंशन होने लगती है। क्योंकि आमतौर पर सभी महिलाओं को पीरियड्स के शुरू के 2 दिनों में पेट में दर्द, थकान, उल्टी होना, सिर में दर्द और जांघों के आसपास दर्द और तनाव होता है, इन्हें मेडिकल भाषा में मेंस्ट्रुअल क्रैम्प (Menstrual cramps) कहते हैं। रिसर्च बताती है कि 10 में से 9 महिलाओं इस तरह का अनुभव करती हैं। यह स्थिति न सिर्फ महिलाओं के लिए दर्दनाक होती है बल्कि इससे उनकी दिनचर्या भी बुरी तरह से प्रभावित हो जाती है। लेकिन आप जानते हैं कि आख़िर ऐसा क्यों होता है? पीरियड्स तो पूरे 5 दिन होते हैं लेकिन शुरू के 2 दिनों में ही ऐसा क्यों होता है? अगर आपको इसका जवाब नहीं पता और आप जानना चाहते हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है। आइए जानते हैं क्यों होता है ऐसा-
स्त्री रोग विशेषज्ञों (gynecological experts) जब किसी महिला को महावारी के असहनीय दर्द होता है तो उस स्थिति को डिसमेनोरीया या कष्टार्तव कहते हैं। लेकिन 90 प्रतिशत से भी अधिक महिलाओं को गर्भाशय की ऐंठन के कारण पेट के में दर्द, ऐंठन और असुविधा का अनुभव होता है। मदरहुड हॉस्पिटल (Motherhood Hospital) में कन्सलटेंट ऑबस्टेट्रीशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर संदीप चड्ढा (Dr. Sandeep Chadha) कहते हैं कि माहवारी के दौरान गर्भाशय की मांसपेशियों के संकुचन की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए गर्भाशय प्रोस्टाग्लैंडीन नामक हॉर्मोन (Hormone Prostaglandin) रिलीज करता है। डॉक्टर संदीप आगे कहते हैं कि महिलाओं का शरीर इस दौरान गर्भाशय से थक्कों को बाहर निकालता है। यदि इस दौरान असहनीय दर्द होता है तो फाइब्रॉएड (Fibroids) और एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) जैसे प्रमुख मुद्दों को दोष दिया जा सकता है।
इन लोगों को अधिक होता है पीरियड्स की शुरुआत में ज्यादा दर्द
20 की उम्र से कम की लड़कियों को
फैमिली हिस्ट्री के कारण
अधिक स्मोकिंग या एल्कोहल के सेवन के कारण
असामान्य पीरियड्स भी हो सकता है वजह
यदि शिशु को जन्म न दिया हो तो
11 साल की उम्र से पहले पीरियड्स होना
पीरियड्स के दर्द को कम करने के घरेलू तरीके
पीरियड्स के दर्द को कम करने में चाय बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। ऐसे में आप अदरक व काली मिर्च का सेवन किया जा सकता है। काली मिर्च में दर्द को दूर करने वाले गुण पाये जाते हैं।
कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ब्लोटिंग होती है, जो स्वाभाविक है। लेकिन इस स्थिति से घबराएं नहीं बल्कि पीरियड्स से कुछ वक्त पहले से नमक का सेवन कम करें इससे आपकी किडनी को अत्यधिक पानी निकालने में मदद मिलेगी।
जब भी आपके पीरियड्स शुरू होने वाले हों तो उससे पहले पपीते का सेवन करें। पपीते में पपेन होता है जो कि इस दौरान फ्लो को नियंत्रित करता है।
पीरियड्स में दर्द को कम करने के लिए आप गर्म सूप का भी सेवन कर सकती है। गर्म सूप आपके स्टमक एरिया को दर्द से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
वैसे तो एक्ससाइज रोजाना करनी ही चाहिए लेकिन अगर आपको पीरियड्स में दर्द की परेशानी बहुत ज्यादा होती है। तो आपको कुछ हल्की एक्सरसाइज भी करनी चाहिए. इसके लिए आप योग और टहलने को भी शामिल कर सकते हैं।
एलोवेरा जूस में शहद मिलाकर पीने से पीरियड्स में होने वाला दर्द कम हो जाता है और फ्लो ठीक रहता है।
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