पैनिक डिसऑर्डर सामान्य तौर पर होने वाली घबराहट और डर से काफी अलग होता है। पैनिक डिसऑर्डर असल में एंग्जायटी डिसऑर्डर का ही एक प्रकार है जो कि उसके गंभीर होने पर होता है। इसे हम एंग्जायटी डिसऑर्डर का अंतिम लेवल मान सकते हैं। इस तरह का विकार ज्यादातर युवाओं और उन लोगों में देखने को मिलता है जो बहुत ज्यादा काम करते हैं या फिर अपने काम से खुश नहीं हो पाते हैं। किसी प्रकार की अन्य समस्या से गुजर रहे होते हैं। इस तरह के विकार उत्पन्न होने पर व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर बहुत ज्यादा घबराने लगता