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बच्चों में साधारण लक्षणों के साथ विकसित होता है ये ब्लड कैंसर, डॉक्टर के बताए इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

बच्चों में साधारण लक्षणों के साथ विकसित होता है ये ब्लड कैंसर, डॉक्टर के बताए इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

Blood cancer in children: ब्लड कैंसर का एक प्रकार ऐसा भी है, जो वयस्कों से ज्यादा बच्चों में देखा जाता है और बहुत ही साधारण लक्षणों के साथ विकसित होता है। डॉक्टर से जानें इस कैंसर व उससे होने वाले लक्षणों के बारे में।

Written by Mukesh Sharma |Published : March 22, 2023 6:48 PM IST

Leukaemia in children: मेडिकल साइंस आज के समय में काफी एडवांस हो चुकी है, लेकिन फिर भी देखा गया है कि कुछ ऐसे रोग हैं जिनका इलाज करना इतना आसान नहीं है। ब्लड कैंसर भी उनमें से एक है और इसका एक ऐसा प्रकार भी है, जो वयस्कों की तुलना में बच्चों में ज्यादा देखा जाता है। इसलिए बच्चों में होने वाले इस कैंसर के लक्षणों का पता होना भी बहुत जरूरी है, ताकि ऐसी किसी स्थिति में इसे गंभीर होने से रोका जा सके। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के एसोसिएट डायरेक्टर और बोन मेरो ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट डॉक्टर पवन कुमार सिंह ने बच्चों में होने वाली ब्लड कैंसर से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। डॉक्टर पवन ने बताया कि सबसे ज्यादा बच्चों में पाए जाने वाले ब्लड कैंसर के प्रकार के एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (ALL) कहा जाता है।

बच्चों में ल्यूकेमिया के लक्षण (Symptoms of leukemia in children)

डॉक्टर पवन कुमार के अनुसार बच्चों में ल्यूकेमिया से होने वाले शुरुआती लक्षण बहुत ही साधारण होते हैं, जिनमें आमतौर पर कमजोरी, थकान और बदन दर्द आदि शामिल है। आदि शामिल हैं ये शुरुआती लक्षण आमतौर पर हीमोग्लोबिन की कमी के कारण होते हैं। इसके अलावा बुखार, बार-बार बुखार होना और सांस लेने में दिक्कत होने जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं। यदि शरीर के अंदर किसी हिस्से में इन्फेक्शन हो गया है, तो इससे होने वाले लक्षण आमतौर पर खांसी, दस्त, जी मिचलाना, उल्टी और रक्तस्राव होना आदि देखा जा सकते हैं, जो स्थिति के गंभीर होने का संकेत देते हैं।

स्थिति के गंभीर होने पर कुछ अन्य विशेष लक्षण भी विकसित होने लगते हैं जैसे हड्डियों में दर्द, अंडकोष का आकार बढ़ना, लिम्फ नोड का आकार बढ़ना, सिरदर्द और लिवर या स्प्लीन का आकार बढ़ना आदि। कुछ बच्चों में मसूड़ों में सूजन, लिम्फ नोड में सूजन, दोहरी दृष्टि और त्वचा के नीचे रक्तस्राव (नील पड़ना) होना आदि लक्षण भी देखे जा सकते हैं।

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लक्षणों के अनुसार होती है जांच (Leukaemia blood test)

यदि बच्चे को उपरोक्त में से किसी भी प्रकार के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर पवन के अनुसार यदि बच्चे में ऐसा किसी भी प्रकार का लक्षण दिख रहा है, तो उसे जल्द से जल्द डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। लक्षणों के अनुसार डॉक्टर सीबीसी और पेरीफेरल ब्लड स्मीयर टेस्ट करते हैं, जिसकी मदद से एनीमिया, ल्यूकेमिया, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और किसी प्रकार की असामान्य कोशिका का पता लगाया जा सकता है। यदि टेस्ट में किसी प्रकार की गड़बड़ पाई जाती है, तो सैंपल को हेमाटोलॉजिस्ट के पास भेज दिया जाता है, ताकि अच्छे से जांच करके स्थिति का पता लगाया जा सके।

डॉक्टर से कब बात करें (When to see the doctor)

यदि किसी बच्चे में ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए। हालांकि, कई बार छोटे बच्चे उन्हें महसूस हो रहे लक्षणों को ठीक से बता नहीं पाते हैं, इसलिए ऐसी स्थितियों में आपको ही उनकी समस्या को समझने की कोशिश करनी होगी। यदि आपको लगता है कि बच्चे को किसी प्रकार की तकलीफ हो रही है, तो समय रहते टेस्ट करवा लेना ही सुरक्षित विकल्प है।

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