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राजधानी दिल्ली में मंगलवार से नाइट कर्फ्यू (Night Curfew has imposed in Delhi) लग गया है। यानि कि आज से रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक राजधानी बंद रहेगी। इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते शुक्रवार को कहा था कि दिल्ली में कोरोना की चौथी लहर आ चुकी है लेकिन लॉकडाउन के विषय में अभी विचार किया जा रहा है। केजरीवाल ने मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में कहा था कि वर्तमान के हालातों को देखते हुए लॉकडाउन लगाने के बारे में अभी तक कैबिनेट में कोई चर्चा नहीं हुई है। कोई भी फैसला जनता से पूछे बिना लागू नहीं किया जा सकता है। क्योंकि अब दिल्ली में नाइट कर्फ्यू लग चुका है इसलिए इस दौरान सिर्फ जरूरी सेवाएं ही चालू रहेंगी।
इससे पहले राजधानी दिल्ली में कोरोना को बेकाबू होता देख उच्च अधिकारियों ने नाइट कर्फ्यू के प्रपोजल को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दफ्तर भेजा था। प्रपोजल में दिल्ली में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लगाने की बात कही गई। ऐसे में राजधानी में पिछले नाइट कर्फ्यू की तरह ही इस बार भी सिर्फ आवश्यक सेवाओं और वाहनों की आपातकालीन आवाजाही को मंजूरी दी जाएगी। इसके अलावा सभी चीजें बंद रहेंगी।
राष्ट्रीय राजधानी में पिछले 3 हफ्तों से कोरोना के नए मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कई राज्य ऐसे हैं जो पहले ही नाइट कर्फ्यू का ऐलान कर चुके हैं। इनमें मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र आदि शामिल हैं। 2 मार्च को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में नए मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है, हालांकि पहले की तुलना में इस बार संक्रमण दर कम है, लिहाजा किसी भी तरह लॉकडाउन करने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, "हम स्थिति की समीक्षा करेंगे। यदि भविष्य में लॉकडाउन की जरूरत हुई तो पहले मैं इस पर परामर्श करूंगा।" इससे पहले दिल्ली में 31 दिसंबर 2020 को नाइट कर्फ्यू लगा था। ताकि नए साल के सेलिब्रेशन में लोग ज्यादा इकट्ठा न हो पाएं।
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को 3,548 नए मामले दर्ज होने के बाद कुल मामले 6,79,962 हो गए हैं। वहीं पॉजिटिविटी रेट 5.54 प्रतिशत है। यह लगातार चौथा दिन है कि जब दिल्ली में 3,500 से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। इससे पहले रविवार को यहां 4,033 नए मामले दर्ज किए गए थे, जो कि साल 2021 का सबसे बड़ा दैनिक आंकड़ा था। वहीं 3 अप्रैल को 3,567 और 2 अप्रैल को 3,594 मामले सामने आए थे।