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दिल की सेहत का पता लगाने के लिए खास ब्लड टेस्ट !

दिल की सेहत का पता लगाने के लिए खास ब्लड टेस्ट !

दिल की सेहत मापने में नई किस्म की रक्त जांच मददगार

Written by Editorial Team |Published : February 9, 2018 12:27 PM IST

शोधकर्ताओं ने एक नई तरह के ब्लड टेस्ट का पता लगाया है, जो यह बता सकता है कि कुछ रोगियों को दिल का दौरा पड़ने के बाद जान पर ज्यादा ख़तरा क्यों बना रहता है। जी हां रिसर्च करनेवालों ने रिसर्च के परिणाम के आधार पर कहा कि नोवल थेरेपी कोरोनरी सिंड्रोम वाले रोगियों में फाइब्रिन थक्का विश्लेषण समय पर गौर करने रोग का सही निदान हो सकता है।

यूके की शेफील्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रॉब स्टोरे के सह-लेखक ने कहा, "हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि क्यों कुछ रोगियों को दिल का दौरा पड़ने के बाद अधिक खतरा होता है और हम आने वाले समय में नए उपचारों के साथ इसका निदान कैसे कर सकते हैं।"

यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने तीव्र कोरोनरी सिंड्रोम के साथ 4,300 से अधिक तभी अस्पताल से निकले मरीजों के साथ रक्त प्लाज्मा नमूनों का विश्लेषण किया।

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उन्होंने थक्के के अधिकतम घनत्व को मापा और बताया कि थक्का बनने में लगे वाले समय को- क्लॉट लेसिस टाइम भी कहा जाता है।

ज्ञात नैदानिक विशेषताओं और जोखिम कारकों के समायोजनों के बाद, अध्ययन में पाया गया कि सबसे लंबे समय तक थक्का रोग के रोगियों को हृदय रोग के कारण मायोकार्डियल इंफेक्शन या मृत्यु का 40 प्रतिशत बढ़ा जोखिम है।

शोधकर्ताओं के अनुसार, यह शोध उन जोखिमों को कम करने के लिए नए लक्ष्य की पहचान करने मदद कर सकता है और अधिक प्रभावी उपचार भी कर सकता है।

स्रोत-IANS Hindi.

चित्रस्रोत-Shutterstock.