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National Kidney Month: किडनी को बुरी तरह प्रभावित करती है टाइप 2 डायबिटीज, इन 5 तरीकों से रखें किडनी को सुरक्षित

National Kidney Month: किडनी को बुरी तरह प्रभावित करती है टाइप 2 डायबिटीज, इन 5 तरीकों से रखें किडनी को सुरक्षित
आज नेशनल किडनी मंथ (National Kidney Month) के मौके पर जानते हैं कि टाइप 2 डायबिटीज किस तरह से किडनी को प्रभावित करती है।

जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटीज होता है उन्हें किडनी संबंधी बीमारी होने का ज्यादा खतरा रहता है। क्योंकि ये डायबिटीज किडनी के कामकाज को प्रभावित करती है। आज नेशनल किडनी मंथ (National Kidney Month) के मौके पर हम आपको बता रहे हैं कि टाइप 2 डायबिटीज किस तरह से किडनी को प्रभावित करती है।

Written by Rashmi Upadhyay |Updated : March 1, 2021 4:31 PM IST

दुनियाभर में करोड़ों लोग डायबिटीज (Diabetes) के शिकार हैं। पूरे संसार में बीमारियों के कारण जितनी भी मौतें होती हैं उनमें डायबिटीज का नंबर सबसे पहले आता है। हमारे देश में बुजुर्गों के साथ ही युवा और छोटे बच्‍चे भी तेजी से मधुमेह का शिकार हो रहे हैं। यह रोग तब होता है जब शरीर में ब्‍लड शुगर लेवल अनहेल्‍दी होने लगता है। इस रोग में शरीर में इंसुलिन सही तरह से नहीं बन जाता है, जिसके चलते डायबिटीज और खतरनाक होता रहता है। डायबिटीज का हमारे शरीर के कई अंगों जैसे कि पेनक्रियाज, हार्ट और लिवर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। सिर्फ यही नहीं डायबिटीज के चलते किडनी भी बुरी तरह से प्रभावित होती है। मार्च का महीना नेशनल किडनी मंथ (National Kidney Month) के रूप में मनाया जाता है। डायबिटीज आमतौर पर 2 तरह की होती हैं, पहली टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) और दूसरी टाइप-2 डायबिटीज (Type 1 Diabetes)। इसलिए आज नेशनल किडनी मंथ (National Kidney Month) के मौके पर हम आपको बता रहे हैं कि टाइप 2 डायबिटीज किस तरह से किडनी को प्रभावित करती है।

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किडनी को कैसे प्रभावित करती है टाइप 2 डायबिटीज

किडनी का काम खून से टॉक्सिंस यानि कि वेस्‍टेज को बाहर निकालना होता है। लेकिन जब किसी व्‍यक्ति को टाइप 2 डायबिटीज होता है तो किडनी को खून से ग्‍लूकोज बाहर निकालने के लिए बल दिया जाता है। क्‍योंकि इस स्थिति में किडनी पर ओवरलोड हो जाता है जिसके चलते किडनी के कामकाज प्रभावित होते हैं। डायबिटीज के कारण जो किडनी संबंधी रोग होते हैं तो उन्‍हें डायबिटिक नेफरोपैथी (diabetic neuropathy) कहते हैं।

डायबिटिक नेफरोपैथी को कंट्रोल करने के तरीके

खूब पानी पीएं : जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो बॉडी डिहाइड्रेट होने के साथ ही शरीर के कामकाज भी प्रभावित होते हैं। इसलिए ध्‍यान रखें कि आप दिनभर में 3 से 4 लीटर पानी पीएं और शरीर को आराम दें व तनावमुक्‍त रहें।

धूम्रपान न करें : धूम्रपान करने से शरीर धीरे-धीरे अंदर से कमजोर हो जाता है। क्‍योंकि आपको डायबिटीज है इसलिए धूम्रपान से बचें। ये आपके मधुमेह को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है और आपको हृदय रोगों, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और कमजोर हड्डियों का शिकार बना सकती है।

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अपनी डाइट को अच्‍छा रखें : शरीर को मजबूत और फिट रखने के लिए अपनी डाइट में हेल्‍दी वसा, फाइबर, प्रोटीन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। प्रोसेस्ड फूड और रिफाइंड शुगर से बचें।

नियमित एक्‍सरसाइज करें : जब आप किसी तरह की कोई एक्‍सरसाइज नहीं करते हैं तो वजन बढ़ाने के साथ ही आप अन्‍य शारीकिर रोगों के शिकार हो सकते हैं। साथ ही इससे आपका ब्‍लड शुगर लेवल भी बढ़ता है। स्वस्थ शरीर के साथ-साथ स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करें।

डॉक्टर से परामर्श करें : दवाओं के सेवन से रक्त शर्करा कंट्रोल होने के साथ ही डायबिटिक नेफरोपैथी भी कंट्रोल होती है। यदि आप किसी भी लक्षण को नोटिस करते हैं, तो तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करें।