आज पूरी दुनिया में 'विश्व मल्टीपल स्क्लेरोसिस डे' (World Multiple Sclerosis Day 2022) मनाया जा रहा है। इस दिन का खास उद्देश्य होता है लोगों को इस गंभीर रोग के प्रति जागरूक करना। मल्टीपल स्क्लेरोसिस के लक्षणों को पहचनाकर सही समय पर इसका इलाज करना। इसके लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। आखिर क्या है मल्टीपल स्क्लेरोसिस रोग (Multiple Sclerosis Disease), इसके लक्षण (Symptoms of Multiple Sclerosis) और इस रोग के होने पर कैसा होना चाहिए मरीज का खानपान (Diet in Multiple Sclerosis Disease), जानें यहां....
मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें शरीर अपनी ही कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करती है। मल्टीपल स्क्लेरोसिस में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र यानी रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क प्रभावित होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी पुरुषों से अधिक महिलाओं में होती है। इस रोग में इम्यून सिस्टम मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम पर नकारात्मक असर डालती है, जिसके कारण हाथ और शरीर कांपने लगते हैं। चलने-फिरने में भी कंपन महसूस होती है। ऐसे में रोगी को अपने खानपान पर खास ध्यान देना चाहिए।
मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस के मरीजों में मांसपेशियों की कठोरता, ऐंठन, पैरों में पैरालिसिस, आंत्र, मूत्राशय या यौन अक्षमता देखी जा सकती है। यह रोग चीजों को भूलने, मूड स्विंग जैसे मानसिक परिवर्तन भी शुरू कर सकता है। इसके साथ ही मिरगी और डिप्रेशन की समस्या भी हो सकती है।
खून की जांच की जाती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि व्यक्ति इस रोग से पीड़ित है या नहीं। बैलेंस, समन्वय, विजन और अन्य एक्टिविटीज की जांच की जाती है। पूरे शरीर की एमआरआई होती है। सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड जांच से बीमारी का पता लगता है, क्योंकि मल्टीपल स्क्लेरोसिस पीड़ित रोगी के सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड में अमूमन खास तरह के प्रोटीन पाए जाते हैं।
इसके लक्षणों में अंगों में कमजोरी, शरीर सुन्न पड़ना, अचानक संतुलन खोना, देखने में परेशानी आदि शामिल हैं। मरीज तनाव ग्रस्त हो जाता है। इस रोग में खानपान और आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। जानें, मल्टीपल स्क्लेरोसिस के मरीजों को क्या खाना चाहिए और किन चीजों से करना चाहिए परहेज।
यदि आपको मल्टीपल स्क्लेरोसिस की समस्या है, तो आप संतृप्त वसा के सेवन से परहेज करें। यह पशुओं के मांस में मौजूद होता है। इससे आपको कैंसर, हृदय रोग और कई सेहत संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
इस रोग से ग्रस्त लोगों को डायट में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स को जरूर शामिल करना चाहिए। ओमेगा-3 आपको सैल्मन मछली और ओमेगा-6 आपको ड्राई फ्रूट्स, सूरजमुखी के तेल से प्राप्त होगा।
जिन लोगों का वजन अधिक होता है, साथ ही वो इस बीमारी से भी जूझ रहे हैं, तो लो-कार्ब डायट के सेवन से वजन कम करने की कोशिश ना करें। इस रोग में थकान अधिक महसूस होती है। यदि आप लो-कार्ब डायट का सेवन करेंगे, तो शरीर में ऊर्जा की भारी कमी रहेगी। आप ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज का सेवन भरपूर मात्रा में करें।
आपके लिए डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करना भी हेल्दी होगा। आप चाहें तो लो-फैट डेयरी प्रो़डक्ट्स का सेवन कर सकते हैं। दूध और दही खूब पिएं-खाएं। इनमें कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा भरपूर होती है, जिससे आपकी हड्डियां मजबूत बनी रहेंगी और आप मल्टीपल स्क्लेरोसिस से भी बचे रहेंगे। यदि आप एमएस से ग्रस्त हैं, तो विटामिन डी के जरिए अपनी इम्यूनिटी को भी मजबूत बना सकते हैं। भोजन के साथ ही सूर्य कि किरणें विटामिन डी का मुख्य स्रोत हैं।
आप जितना अधिक अपने खानपान में हरी और रंगीन सब्जियों को शामिल करेंगे, मल्टीपल स्क्लेरोसिस के खतरे को उतना ही कम कर सकेंगे। इन सब्जियों में एंटीऑक्सी़डेंट्स और विटामिंस माइलिन को (एक तरह की तंत्रिका है, जो नर्वस सिस्टम के बीच में होती है) को पोषण देते हैं। एमएस के कारण माइलिन सबसे अधिक क्षतिग्रस्त होता है।
कुछ लोगों को मल्टीपल स्क्लेरोसिस होने पर कब्ज की समस्या भी अधिक होती है। दरअसल, दवाओं के सेवन से कब्ज होता है। ऐसे में पेट साफ रखने, भोजन को पचाने और कब्ज की समस्या से बचने के लिए आप फाइबर को भोजन में अधिक शामिल करें। फाइबर युक्त फलों और सब्जियों का सेवन करेंगे, तो कब्ज की शिकायत दूर होगी।
इसके अलावा, लिक्विड चीजों का भी भरपूर सेवन करना चाहिए। पानी, फलों और सब्जियों से तैयार जूस पिएं। इससे सेहत को कई अन्य लाभ भी होंगे। साथ ही लक्षणों को कंट्रोल में रखने के लिए अपने डॉक्टर के संपर्क में बने रहें।
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