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मेनोपॉज डाइट (Menopause Diet) के बारे में महिलाओं में बहुत कम जागरुकता है। मेनोपॉज एक ऐसी स्थिति है जिसका हर महिला को सामना करना पड़ता है। इस दौरान कई तरह की समस्याओं का उन्हें सामना करना पड़ता है। ऐसे में आहार (Menopause Diet ) की भूमिका बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। अगर आप भी जानना चाहती हैं कि मेनापॉज में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं तो आइए आपको बताते हैं विस्तार से।
मेनोपॉज महिलाओं के लिए वह मुश्किल समय है जब एक साल तक उनका पीरियड नहीं आता। एक साल तक महावारी के न होने को रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज कहते हैं। इस समय एक महिला के भीतर डिम्बग्रंथि विफलता के कारण अंडकोष की गतिविधियां लगभग खत्म हो जाती हैं। अब वे गर्भधारण नहीं कर सकतीं। ऐसे समय में महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार तो ये समस्याएं बहुत ही कष्टदायक होती हैं।
महिलाओं को सामान्यत: 45-50 वर्ष तक मासिक धर्म होता है, लेकिन कुछ महिलाओं को इससे पहले ही महावारी बंद हो जाती है, जिसे अर्ली मेनोपॉज कहते हैं। रजोनिवृत्ति होने पर महिलाओं को नींद में कमी आना, मूड स्विंग्स, हॉट फ्लैशेज, मोटापा बढ़ना, योनि में सूखापन, दर्द रहना, घबराहट होना, कब्ज की शिकायत, मानसिक तनाव और शरीर पर झुर्रियां पड़ने जैसे लक्षण महसूस होने लगते हैं। लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है, अच्छी बात ये है कि उतार-चढ़ाव वाले हार्मोन्स को संतुलित करने और इन सभी लक्षणों से बचने के लिए कुछ जरूरी खाद्य पदार्थों (Menopause Diet) का सेवन कर सकते हैं।
मेनोपॉज में डेयरी प्रोडक्ट्स, हेल्दी फैट्स, विटामिन बी, डी, होल ग्रेन्स, फल और सब्जियां, प्रोटीन, आयरन, कार्बोहाइड्रेट को अपने आहार में जरूर शामिल करें। ये आहार मेनोपॉज के लक्षणों को कम करते हैं। साथ ही इससे बोन औ मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने में मदद मिलती है।
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ज्यादा मीठा और नमकीन, शराब और कैफीन, गर्म तासीर का खाना, मसालेदार भोजन आदि को खाना अवॉइड करना चाहिए। इनका पाचन मुश्किल होता है। जिससे पेट संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।