दमा यानी अस्थमा फेफड़ों को खासा प्रभावित करता है। दमा के कारण व्यक्ति को सांस से संबंधित कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। अस्थमा सिर्फ युवाओं और व्यस्कों को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। हालांकि अस्‍थमा के इलाज के लिए इनहेलर दिया जाता है लेकिन इनहेलर के दुष्‍प्रभाव भी होते हैं। अस्थमा कई प्रकार के होते हैं जैसे एलर्जिक अस्थमा नॉनएलर्जिक अस्थमा कफ वेरिएंट अस्थमा मिक्स्ड अस्थमा आदि। यदि आप भी अस्थमा से पीड़ित हैं तो इसमें आपकी मदद करेगा आम के पत्ता। करें हरड़ का सेवन यौन समस्याओं के