बारिश के दिनों में मच्छरों के अधिक पनपने से अक्सर मलेरिया होने का खतरा बढ़ जाता है। मलेरिया मच्छर से उत्पन्न एक संक्रामक बीमारी है, जो एनोफेलिस मादा मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया के लक्षणों में आमतौर पर बुखार, थकावट, उल्टी, और सिरदर्द शामिल होते हैं। गंभीर मामलों में यह पीले रंग की त्वचा, दौरे, कोमा या मौत का कारण भी बन सकता है। इसके लक्षण आमतौर पर मच्छर के काटने के दस से पंद्रह दिन के बाद शुरू होते हैं। मच्छरों से दूर रखकर और घर में रेपेलेंट्स का इस्तेमाल करके भी आप मलेरिया के प्रकोप से खुद को बचा सकते हैं। हालांकि, कुछ घरेलू उपचार भी मलेरिया का इलाज करने में मदद कर सकते हैं।
ग्रेपफ्रूट
ग्रेपफ्रूट में मौजूद क्विनाइन मलेरिया प्रेरक परजीवी को बेअसर करने का काम करता है। यह परजीवी को नष्ट करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहयोग करता है। यदि आपको मलेरिया के शुरुआती लक्षण नजर आ रहे हैं या फिर मलेरिया से पीड़ित हैं, तो ग्रेपफ्रूट और ग्रेपफ्रूट के रस का सेवन करना चाहिए। क्विनाइन को आप ग्रेपफ्रूट के गूदे को उबालकर पा सकते हैं। यह आहार फाइबर, विटामिन ए और सी का एक पावरहाउस है जिसमें काफी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है। यह एक प्रसिद्ध एंटीऑक्सीडेंट भी है और मलेरिया को बेअसर करने के लिए एक अच्छा घरेलू उपचार भी हो सकता है।
तुलसी
मलेरिया के प्रमुख लक्षणों में शरीर और जोड़ों में दर्द शामिल है। तुलसी एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है, जो सूजन और जोड़ों के दर्द को कम करती है। मलेरिया के लक्षणों का इलाज करने के लिए यह एक अद्भुत घरेलू उपाय हो सकता है। मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को तुलसी की कुछ पत्तियों को चाय में या फिर पीने में उबालकर उसमें शहद डालकर पीने से लाभ होता है। जब बुखार अधिक हो तो तुलसी और काली मिर्च का पेस्ट बनाकर भी आप पीड़ित व्यक्ति को दे सकते हैं।
दालचीनी
दालचीनी में कई औषधीय तत्व होते हैं। इसमें सिनामाल्डेहाइड होता है, जो सूजन को कम करने में मदद करता है। यह मसाला एंटी-पैरासिटिक गुणों से भरपूर होता है। मलेरिया से होने वाले शारीरिक दर्द से छुटाकार पाने के लिए इसे खाना लाभदायक हो सकता है। इसे पानी में उबाल कर इस पानी को शहद के साथ लिया जा सकता है। यह भूख, ऐंठन, मतली आदि को भी कम करने में सहायक है। दालचीनी के पानी को शहद के साथ लेना मलेरिया से लड़ने के लिए एक उपयोगी घरेलू उपाय हो सकता है।
फीवर नट्स
ये कुछ ऐसे नट्स होते हैं, जिनमें अत्यधिक औषधीय गुणों वाले बीज होते हैं। ये मलेरिया बुखार को कम करने के साथ ही इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं। यह जड़ी बूटी प्रभावी रूप से मलेरिया के लक्षणों का इलाज करती है। बढ़ते शरीर के तापमान को कम करके मलेरिया बुखार से पीड़ित व्यक्ति को ठीक करने में मदद करती है। फीवर नट्स सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक हैं जिनका उपयोग मलेरिया के लक्षणों के खिलाफ किया जा सकता है।
अदरक
मतली, बुखार, शरीर में दर्द और भूख को बढ़ाने के लिए अदरक का सेवन करना चाहिए। अदरक हर घर में उपलब्ध होता है। इसे आप मलेरिया से लड़ने के लिए घरेलू उपचार के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे पानी में उबालकर पीने से रिकवरी प्रॉसेस को तेज कर सकते हैं। इसमें प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जिन्हें इसे किशमिश के साथ लेकर और भी ज्यादा बढ़ाया जा सकता है।
चित्रस्रोत: Shutterstock.
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