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निम्न रक्तचाप की समस्या होगी दूर, करें मूर्धासन

निम्न रक्तचाप की समस्या होगी दूर, करें मूर्धासन
मूर्धासन के फायदे क्या होते हैं। © Shutterstock

मूर्धासन लो ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करने के साथ ही सिर की ओर रक्तसंचार बढ़ाता है, जिससे चेहरे की झाइयां, झुर्रियां दूर होती हैं। चेहरे में निखार और ग्लो आता है।

Written by Anshumala |Published : March 27, 2019 12:32 PM IST

ब्लड प्रेशर का अधिक रहना हेल्थ के लिए सही नहीं होता है। ठीक इसी तरह, लो ब्लड प्रेशर भी कई तरह की शारीरिक समस्याओं का कारण बनती है। एक नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 होता है, लेकिन जब यह 90/60 या इससे भी कम हो जाए, तो यह निम्न रक्तचाप यानी लो ब्लड प्रेशर कहलाता है। लो ब्लड प्रेशर को आप नियमित रूप से योगाभ्यास करके भी कम कर सकते हैं। जिन्हें लो ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, उनके लिए मूर्धासन का नियमित अभ्यास करना लाभदायक साबित हो सकता है। इससे आप ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रख सकते हैं।

क्या होता है लो ब्लड प्रेशर होने पर

योगाचार्य डॉ. अनुज कुमार कहते हैं कि लो ब्लड प्रेशर की समस्या अधिक बढ़ जाए तो पीड़ित व्यक्ति ऊर्जाहीन महसूस करता है। इसमें बार-बार प्यास लगती है, आंखें लाल नजर आती हैं, आंखों के सामने धुंधलापन छा जाता है, निराशा आदि लक्षण नजर आते हैं। लो ब्लड प्रेशर होने पर व्यक्ति शारीरिक रूप से कमजोर महसूस करने लगता है। दरअसल, निम्न रक्तचाप मूलतः अग्नि तत्व के असंतुलन का परिणाम है। मूर्धासन के नियमित रूप से अभ्यास करने पर आप लो बल्ड प्रेशर की समस्या से निजात पा सकते हैं। सिर, कंधे और गर्दन के बल किए जाने वाले आसनों में प्रमुख है-मूर्धासन।

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यूं करें मूर्धासन

खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच दो से तीन फीट की दूरी बना लें। सांस छोड़ते हुए हाथों को ऊपर उठाएं। अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकते हुए हथेलियों को जमीन पर रखें। शरीर का संतुलन बनाए रखें। अब धीरे-धीरे सिर के सामने वाले हिस्से को जमीन पर दोनों हाथों के बीच टिका दें। धीरे-धीरे दोनों हाथों को पीछे की तरफ ले जाएं। कमर के ऊपर रखते हुए एक हाथ से दूसरे हाथ की कलाई को पकड़ लें। इस अवस्था में एड़ियों को उठाएं ताकि शरीर का भार सिर और पंजों पर आ जाए। सहज महसूस करते समय इस अवस्था में ही बने रहें। सामान्य स्थिति में जाने के लिए सांस भरते हुए पहले हाथों को खोलकर जमीन पर टिकाएं और खड़े हो जाएं। जब इसे करने में आप सहज महसूस करने लगें, तो अंतिम पोज की अवधि धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं। जब आप इसका अभ्यास कर लें, तो थोड़ी देर के लिए शवासन में लेटें। अपने ध्यान को सांस पर केंद्रित करें।

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क्या होते हैं फायदे

- पेट में गैस होने की समस्या दूर होती है।

- तनाव, डिप्रेशन और चिंता जैसे रोगों से छुटकारा मिलता है।

- लो ब्लड प्रेशर की समस्या दूर होती है।

- गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

- सिर की ओर रक्तसंचार बढ़ने से चेहरे की झाइयां, झुर्रियां दूर होती हैं। चेहरे में एक निखार और ग्लो आता है।

- लंबी उम्र तक युवा दिख सकते हैं।

- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।

- बाजू और कमर का निचला हिस्सा लचीला बनता है। पीठ संबंधी समस्याएं और दर्द दूर होता है।

किसे नहीं करना चाहिए

- हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को इसे करने से बचना चाहिए।

- चक्कर आए तो भूलकर भी इसे ना करें।