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कोविड-19 लॉकडाउन (Covid-19 Lockdown and Loneliness) में आज हर कोई घर के अंदर बंद है। किसी को भी मस्ती में बाहर जाकर घूमने-फिरने की इजाजत नहीं है। अधिकतर लोग तो अपने परिवार के साथ हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसा भी हैं, जो घर में बिल्कुल अकेले (Lonely in Lockdown) हैं। ऐसे में लॉकडाउन के कारण उनके लिए घर में रात-दिन अकेले बिताना मुश्किल हो रहा है। बेशक, अकेले रहना कई बार युवाओं को अच्छा लगता है, लेकिन वह तब, जब वो कहीं घूम-फिर सकते हैं। अपने दोस्तों को घर पर बुला सकते हैं। जो मन करता है, वही करते हैं। लेकिन, आज वही अकेलापन उन्हें काटने को दौड़ रहा है। ऐसे में बिल्कुल अकेले रहने वालों में स्ट्रेस और डिप्रेशन की समस्या काफी बढ़ रही है। यदि आपको भी अकेलापन परेशान कर रहा है, तो इसे कुछ यूं डील करें (Tips to deal with loneliness)...
रात-दिन अकेले रहने से एक अजीब सी बेचैनी महसूस करना स्वाभाविक है। महीनों आप घर में अकेले बंद होकर रहें, तो मानसिक तनाव, घबराहट बढ़ना लाजिमी है। लेकिन, इन सभी समस्याओं से जितनी जल्दी पार पा लें, उतना ही आपकी सेहत के लिए बेहतर होगा। अकेले या एकांत में रहते हुए भी आप खुद को अकेला महसूस ना करें, इसके लिए अपनाएं ये टिप्स (Lonely in Lockdown) ....
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अधिकतर युवा आज पढ़ाई करने के लिए अपने घर से दूर आकर अकेले रहते हैं। अधिक दिनों तक अकेले रहना, उम्र और मानसिक सेहत दोनों के लिए ही खतरनाक साबित हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, आपके जीवन को जितना नुकसान शराब एवं सिगरेट के सेवन से होता है, उतना ही नुकसान अकेले रहने से भी होता है। अकेलापन शरीर को ठीक उतना नुकसान पहुंचाती हैं, जितना एक दिन में 15 सिगरेट पीने से शरीर को होता है। जो लोग दूसरों से मिलते-जुलते रहते हैं, वे अकेले रहने वाले लोगों की तुलना में 50 फीसदी अधिक जीते हैं। समाज से जुड़कर रहने वाले लोग, अकेले रहने वालों की तुलना में औसतन चार साल अधिक जीवित रहते हैं। सबके साथ मिलकर रहने से मानसिक रूप से रिलैक्स और खुशी महसूस होती है। तनाव और अवसाद नहीं होता है। इसी लिए एकल परिवार की बजाय संयुक्त परिवार को अधिक महत्व दिया जाता है।
अकेलापन मानसिक रूप से बीमार कर सकता है। अकेले या एकांतवास में रहने से आपको तरह-तरह के बुरे ख्याल आ सकते हैं, जिससे आपके अंदर घंबराहट, डर की भावना उत्पन्न हो सकती है। अकेलेपन से तनाव, व्याकुलता, अवसाद और आत्मविश्वास में कमी आने लगती है। तनाव और अवसाद से आपको कई अन्य शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
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– अकेले रहने से मन इधर-उधर भटकता है। मन पर काबू रख पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में उन विचारों को अपने से दूर रखें, जो आपको परेशान करती हैं। बेशक, इन दिनों ऐसा माहौल है कि कहीं से कोई भी अच्छी खबर नहीं आ रही है, लेकिन आपके साथ जो भी अच्छी बातें, घटनाएं हुई हैं, उसे याद करें। उन हर अच्छी बातों पर अपना ध्यान केंद्रित करें।
– अकेले रहते-रहते घबराहट (Lonely in Lockdown in hindi) और बेचैनी महसूस हो रही है, तो अपने घर के छत पर जाएं। वहां टहलें। मेडिटेशन (tips to deal with loneliness during lockdown) करें। अच्छी सी कोई मजेदार फिल्म देखें। गाना सुनें। खुद को जीवंत करने की कोशिश करें।
– आज कोविड-19 (Covid-19)के कारण पूरी दुनिया एक बुरे दौर से गजुर रही है। लेकिन, हर समय एक जैसी ही स्थिति नहीं रहती है। जिंदगी का हर एक पल बहुत अनमोल है। अकेले रहकर भी इन पलों को जी-भरकर जिएं, उन्हें महसूस करने की कोशिश करें।
– अपने अंदर की रचनात्मकता को बाहर लाएं। आपके अंदर जो भी खासियत छुपी हुई है, उसे बाहर लाएं। अपने अधूरे शौक को पूरा करें। अपने दोस्तों, परिवार वालों से हर दिन फोन या वीडियो चैट पर संपर्क में रहें। आपको अकेला महसूस नहीं होगा।
– सोशल मीडिया से जुड़े रहें। किताबें पढ़ने का शौक है, तो किताब पढ़ें। सोचें, कि आज से एक महीना पहले आपकी लाइफ में कितना भागदौड़ था। आज आपके पास पर्याप्त समय है, इस समय को नकारात्मक बातें सोचकर यूं ही जाया ना करें। इसे पॉजिटिव तरीके से इस्तेमाल करना सीखें।