जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन (Hypertension) को साइलेंट किलर के तौर पर जाना जाता है, क्योंकि ब्लड प्रेशर बढ़ने का पता नहीं चल पाता है और यह आगे चलकर हृदय रोग जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण बन जाता है। इसलिए डॉक्टर समय-समय पर अपने ब्लड प्रेशर की जांच (Blood Pressure Test) कराने की सलाह देते हैं। ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहे इसके लिए नियमित रूप से सही डाइट और एक्सरसाइज भी आवश्यक है। उच्च रक्तचाप से जुड़े कुछ जरूरी सवालों को लेकर हमने एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर संतोष कुमार डोरा (Dr. Santosh Kumar Dora, Senior Cardiologist, Asian Heart Institute) से बातचीत की, उन्होंने विस्तार से उन सवालों के जवाब दिए।
अगर आपका बीपी अभी शुरुआती स्टेज में है और बढ़ना केवल चालू ही हुआ है तो आपको उसे कंट्रोल करने के लिए सबसे पहले बिना दवाइयों वाले तरीकों का प्रयोग करना चाहिए। जो निम्न लिखित हैं:
समय-समय पर अपने डॉक्टर के पास जाकर अपने बीपी का लेवल चेक करवाते रहे। अगर आप घर पर बीपी की मशीन लेकर चेक कर सकते हैं तो यह अवश्य करें। अगर आपने इस हेतु कोई संकोच है तो अपने फैमिली डॉक्टर से पहले कंसल्ट कर लें। जब बीपी पहले या दूसरे स्टेज में होता है तो आपको एंटी-हाइपरटेंसिव दवाइयों का सेवन करने को बोला जाता है। आपके डॉक्टर आपको कुछ प्रकार के टेस्ट करने की भी बोल सकते हैं ताकि आपके बीपी का कारण पता किया जा सके।
ज्यादातर लोग जिन्हे बीपी की समस्या होती है उन्हें किसी प्रकार के लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं। यही कारण है कि इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। और इसीलिए आपको अपना बीपी नियमित अंतराल पर चेक करवाते रहना चाहिए। अगर आपका सामान्य बीपी भी रहता है तो भी आपको साल में दो बार बीपी चेक करवाते रहना चाहिए। 40 से ज्यादा उम्र वाले लोगों को साल में एक बार बीपी चेक करना चाहिए। इसके लक्षणों में सिर दर्द, चक्कर आना और आसानी से थक जाना आदि शामिल है।
95% केस में बीपी का कारण नहीं पता लगाया जाता है। इसे प्राइमरी हाइपरटेंशन कहा जाता है। अगर किसी कारण का पता लगाया जा सकता है तो उसे सेकेंडरी हाइपरटेशन कहा जाता है। इसके पीछे का कारण किडनी की बीमारी, रेनल आर्टरी हाइपरटेंशन आदि शामिल होते हैं। स्टडीज के मुताबिक बीपी का बढ़ जाना व्यक्ति के लिए बहुत ही आम है। आजकल हर कोई व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है। ग्रेट इंडिया ब्लड प्रेशर के सर्वे के मुताबिक 30% लोगों को यह समस्या देखने को मिलती है। यह पुरुषों में स्त्रियों के मुकाबले अधिक देखने को मिलता है। यह रिस्क उम्र के साथ साथ और अधिक बढ़ जाता है। 55 साल से अधिक उम्र के लोगों में बीपी बढ़ने का रिस्क 50% अधिक बढ़ जाता है।
अगर बीपी किसी कारणवश अधिक बढ़ जाता है तो आपको कुछ ड्रग लेने पड़ सकते हैं। अगर आपको इमरजेंसी के समय कोई दवाई लेनी पड़ जाती है तो इसके बारे में अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। अगर यह कुछ अधिक ही बढ़ जाता है और चिंता की बात हो जाती है तो मरीज को तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती करवा देना चाहिए।
(Inputs By: Dr. Santosh Kumar Dora, Senior Cardiologist, Asian Heart Institute)
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