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यदि आपके पैर बहुत दुखते हैं या आपको लगता है कि आपके पैर बहुत ज्यादा थक जाते हैं तो उनके बहुत से कारण हो सकते हैं। अगर आप एक महिला हैं या ओवर वेट हैं या बुजुर्ग है तो आपको पैरों में थकावट (Leg Fatigue) के अधिक चांस होते हैं। हमारे पैर या हमारी लोअर बॉडी हमारे पूरे शरीर का वजन उठाते हैं और अगर आप कहीं बहुत देर तक खड़े रहते हैं या बैठ जाते हैं तो उसके कारण भी आपके पैरों में थकान आ सकती है। इस थकान के साथ-साथ आपको दर्द और क्रैंप भी हो सकते हैं। वैसे तो यह कोई गंभीर समस्या नहीं होती, लेकिन फिर भी आपको इस ओर ध्यान देना चाहिए। अगर आपको और भी कोई लक्षण साथ दिखते हैं तो आपको इस बारे में डॉक्टर से भी बात करनी चाहिए। आइए इसके कुछ मुख्य लक्षणों के बारे में जानते हैं।
अगर आप बहुत देर तक या बहुत ज्यादा मात्रा में एक्सरसाइज करते हैं तो भी आपके पैर में दर्द होना या थकान होना बहुत आम होता है। जब आप आराम नहीं करते और लगातार एक्सरसाइज करते हैं तो आपकी मांसपेशियों को ठीक होने में समय लगता है और इस वजह से यह कुछ दिनों तक चल सकता है। अगर ऐसा है तो आपको अधिक से अधिक आराम करना चाहिए।
जो लोग बहुत लंबे समय तक बैठे रहते हैं या ज्यादा एक्सरसाइज या कोई एक्टिविटी नहीं करते हैं उन्हें भी पैरों में थकान महसूस होती है। अगर आपका काम ऐसा है जिसमें आपको बहुत अधिक समय के लिए बैठना होता है तो आप समय समय पर खड़े होकर थोड़ा टहल सकते है । अगर आप अधिक समय बेड में बिताते हैं तो आपको लेग रेजिंग व स्ट्रेचिंग हर घंटे में करनी चाहिए। अपने पैरों को तकिये के ऊपर फैलाएं।
अगर आप अपने पैर का अधिक प्रयोग करते हैं तो उसके कारण पैर में मसल क्रैंप हो सकते है जिससे आपके पैर थकान महसूस कर सकते हैं। जब तक यह लक्षण ठीक नहीं हो जाता तब तक आपको अपने पैर को खूब आराम देना चाहिए और कम से कम ही उसका प्रयोग करना चाहिए। अपने को हाइड्रेटेड रखें और मसल क्रम यदि बढ़ जाएं तो डॉक्टर से मिलें।
यह बीमारी तब होती है जब आपके शरीर के खून में पोटेशियम की कमी होती है। इसके कारण आपको पैरों में थकान, कमजोरी, और क्रैंपिंग जैसे लक्षण भी महसूस करने को मिल सकते है। आप कुछ दवाइयां लेकर और इलाज के कारण इस स्थिति को ठीक भी कर सकते है। अगर आपको यह स्थिति हो जाती है तो इसके कारण और इलाज जानने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
अगर आपकी नस फूल जाती है तो आपका पैर थक भी सकता है और उसमें बहुत सा दर्द भी हो सकता है। यह तब होता है जब आपकी नसों की वॉल्स अच्छे से काम न करें और खून को इकठ्ठा करने लगे। इसके कारण आपकी नसें फूल जाती है और बड़ी हो जाती हैं। अगर आप अपनी सेल्फ केयर करते हैं और एक्सरसाइज इत्यादि करते हैं तो इस स्थिति से उभर सकते है। अगर आपके लक्षण कुछ दिनों में ठीक नहीं होते हैं तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।वर्तमान में वीना सील जैसी नई इनवेसिव उपचार विधियां उपलब्ध हैं, जो वैरिकाज़ वेन के लक्षणों में तुरंत राहत देती हैं।
जिन लोगों को यह स्थिति होती है उन लोगो की नसों की वाल्व कमजोर होती हैं और इस वजह से आपका रक्त संचार भी खराब ढंग से काम करने लगता है। इस स्थिति के लक्षण पैर में थकान, नसों का फूलना और सूजन आदि होते हैं। जिन लोगो को अन्य कोई मुश्किल नहीं है वह कंप्रेस थेरेपी ले सकते हैं जैसे कंप्रेस्ड सॉक्स पहनना। कुछ लोगों को अपनी नसें खुलवाने की भी आवश्यकता होती है।
यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें आपके शरीर की आर्टरीज प्रभावित होती है। इसमें आपकी आर्टरीज बंद हो जाती हैं और आपका रक्त संचार भी ब्लॉक हो जाता है। मसल्स में दर्द होना और पैरों में थकान महसूस होना खासकर वॉक करने के बाद, इसके मुख्य लक्षण होते हैं। अगर आपको ऐसे लक्षण देखने को मिलते हैं तो आपको डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए। ब्लॉक आर्टरीज को एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग जैसी न्यूनतम इनवेसिव तरीकों द्वारा इलाज किया जा सकता है।
पैरों में सूजन प्रेग्नेंसी के दौरान आम होती है और इसके कारण कुछ हार्मोन्स में बदलाव और नसों का बढ़ा हुआ प्रेशर होते हैं। इसके कारण आपके पैर अक्सर थकान महसूस कर सकते हैं और वह आपसे आराम की उम्मीद करते हैं। अगर आप बाईं ओर सोते है तो जो नस लोअर बॉडी से दिल तक ब्लड सर्कुलेट करती है उस पर पड़ रहे दबाव में आराम मिलेगा। यदि आप किसी अचानक या गंभीर सूजन का अनुभव करती हैं तो अपने डॉक्टर से मिलें यह प्रीक्लेम्पसिया का संकेत हो सकता है।
आपके पैरों की थकान या उनमें दर्द होना इस स्थिति का भी एक लक्षण हो सकता है। यह स्थिति आपकी नसों को प्रभावित करती है और आपके दिमाग और मसल्स के बीच के संवाद को भंग करती है। इसके अन्य लक्षणों में दिखना बंद होना या धुंधला दिखना, ब्लैडर समस्याएं, चक्कर आना, मूत्राशय संबंधी परेशानियां, यौन रोग, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, संगठित रहने या चीजों को याद रखने में दिक्कत आदि होते है।
आपके पैर आपके लिए बहुत कुछ करते हैं। इसलिए उन्हें विशेष देखभाल की जरूरत है। पैरों को आराम देने के लिए थोड़ा समय निकालें व अपनी भी देखभाल रखें यह पैरों को एनर्जेटिक रखने के लिए काफी होगा। लेकिन अगर आपको अक्सर थकान, पैरों में सूजन, भारीपन महसूस होता है तो डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर आपके पैरों की स्थिति को देखते हुए उसका इलाज करेंगे।
(Inputs By- Dr. Santosh B. Patil is a consultant Neuro and Vascular Interventional Radiologist at The Vein Center)