देश में ह्रदयधमनी रोगों यानी कार्डियोवैस्कुलर डिसीज (सीवीडी) के कारण होने वाली मृत्यु की कुल संख्या 1990 में 15 फीसदी थी जो 2016 में बढ़कर 28 फीसदी हो गई है। हार्ट फेलियर इन सभी सीवीडी में मृत्यु दर का प्रमुख कारण है जिसमें करीब 23 फीसदी मरीजों की इस रोग की पहचान होने के एक वर्ष के भीतर मौत हो जाती है। वैश्विक चिकित्सा जर्नल 'लैंसेट' में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से यह जानकारी मिली है। यूं रख सकते हैंं दिल का ख्याल इस भागदौड़ भरी जिंदगी में थोड़ा व्यायाम और अच्छा खानपान दोनों ही जरूरी हैं। इससे आपका