सूर्य किरण हॉस्पिटल की डॉक्टर मंजु जैन कहती हैं गले में सामने की तरफ मौजूद तितली के आकार की ग्रंथि थायराइड जब बढ़ जाती है तो इसे थायराइड घेघा गलाघोंटू या गोयटर रोग कहा जाता है। ऐसा तब होता है जब यह ग्रंथि आयोडीन और अन्य जरूरी पोषक तत्वों के अभाव में शरीर की आवश्यकता के अनुसार थायराइड हार्मोन पैदा नहीं कर पाती है। इसका अर्थ यह हुआ कि गोयटर की स्थिति में हमें थायराइड ग्लैंड को सक्रिय करने वाले भोजन करने चाहिए।| थायराइड ग्रंथि सही तरीके से हार्मोन बनाए यह हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म के लिए बहुत जरूरी