ऐसा माना जाता है कि एचआईवी से पीड़ित मां से बच्चे को यह इन्फेक्शन प्रेगनेंसी लेबर डिलीवरी या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ट्रांसमिशन हो सकता है। साल 2009 में डब्लूएचओ ने महिलाओं को एक साल तक एंटीरेट्रोवाइरल दवाएं लेने की सलाह दी ताकि बच्चों में इन्फेक्शन होने का बहुत कम जोखिम रहे। हालांकि कई अध्ययनों के अनुसार मां के दूध से एचआईवी वायरस के खतरे को खत्म करने में मदद मिलती है। जर्नल पेडियेट्रिक ड्रग्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार बेशक फार्मूला फीड से बच्चे को कई अन्य समस्याओं का खतरा होता है लेकिन एचआईवी ट्रांसमिशन का जोखिम कम होता है। दूसरी तरफ एंटीरेट्रोवाइरल ड्रग्स