यूं तो हर साल अक्टूबर नंवबर के आसपास दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अपने चरम पर रहता है। लेकिन इस साल कोरोना वायरस के दौरान काफी समय तक लॉकडाउन रहा जिससे लोग सड़कों पर गाड़ियों ने कम रफ्तार भरी और अपने घरों में ही रहे। इसके बावजूद दिल्ली की हवा बेहद गहरीली है। इस साल भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी खतरनाक बना हुआ है। जिसका नतीजा यह है कि लोगों में सांस संबंधी समस्याएं फेफड़ें संबंधी रोग और त्वचा संबंधी बीमारियां काफी बढ़ गई है। जो लोग कोरोना संक्रमित हैं उनके लिए प्रदूषण और भी खतरनाक बना हुआ